भवन निर्माण कराने वालों को लगा ये बड़ा झटका, सरिया पर चार हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से हुई बढ़ोत्तर….

रूस और यूक्रेन युद्ध से कच्चे माल की आपूर्ति बाधित होने और काेयले की कीमतों में इजाफा होने से सरिया की कीमतों में तेज उछाल आया है। करीब तीन से चार हजार रुपये प्रति टन की बढ़ाेत्तरी बीते छह दिनों में हुई है। इससे भवन निर्माण करा रहे लोगों को तेज झटका लगा है। सरिया के हर ब्रांड में लगातार तेजी बनी हुई है। 67,000 रुपये टन वाली सरिया 70,000 का आंकड़ा पार कर चुकी है। बड़े ब्रांडों ने 84,000 रुपये प्रति टन का रेट बाजार में दर्ज कराया है।

रूस और यूक्रेन युद्ध ने कोढ़ में खाज जैसी स्थिति इस्पात बाजार में ला दी है। कच्चे माल की उपलब्धता नहीं है। कोयले की कीमतें सिर चढ़कर बोल रही हैं। छोटी मिलें बंद हैं बड़ी में बुकिंग है। मौसम अनुकूल होने की वजह से खरीदार बाजार में हैं लेकिन माल नहीं। रायपुर, गैलेंट, कामधेनू, टाटा, जिंदल समेत सभी ब्रांड की सरिया की महंगी है। अभी जल्द हालात सामान्य होने के आसार नहीं हैं। -विशाल अग्रवाल, आयरन स्टील के थोक कारोबारी, ऐशबाग 

इस्पात का भाव पहले से ही चढ़ रहा था। अब तो कच्चे माल की आपूर्ति बिल्कुल ही थम कई है। बीते पांच-छह दिनों में सरिया के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। भवन निर्माण से जुडे़ लोगों ने काम रोक दिया है। सामग्री में सबसे महंगी सरिया पड़ रही है। इससे भवन निर्माण के काम में बाधा बनी हुई है। -श्याममूर्ति गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष उप्र. सीमेंट व्यापार संघ 

सरिया के अलग-अलग ब्रांड की कीमत

फरवरी शुरुआत     फरवरी माह के अंत में

  • 66,000                 70,000
  • 68,000                 71,000
  • 70,000                 74,000
  • 80,000                 83,000

छह दिनों में अंतर हजार प्रति टन

  • 22 फरवरी          66,000
  • 24 फरवरी          68,000
  • 26 फरवरी          70,000

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