यूक्रेन में द‍िखा भारत का दम, पाकिस्तानी छात्रों ने भी थामा तिरंगा

हाथों में तिरंगा और जुबां पर भारत माता के जयकारे। जी हां, हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के छात्रों ने कुछ ऐसा ही रास्ता अपनाया। जान पर बन आई तो मदद के लिए उनके अपने आगे नहीं आए। ऐसे में उन्हें भारत की याद आई। इसके बाद बिना किसी हिचक के तिरंगा थाम भारतीय दल में शामिल हो गए। उत्साह से लबरेज पाकिस्तानी छात्र भारत माता के जयकारे लगाते हुए बार्डर को पार कर रोमानिया कैंप में पहुंच गए। इसका पता तब चला जब उनके वीजा की जांच हुई। हालांकि, इसके बाद उन्हें वहीं पर रोक दिया गया। भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों को हवाई जहाज से रवाना कर दिया। यूक्रेन से लौटी एमबीबीएस छात्रा सगी बहनों ने यह सच्चाई बयां की।

इंदिरा नगर के रहने वाले व्यापारी राजनारायण वर्मा की बेटी रचना और स्वाति यूक्रेन से गुरुवार की देर रात लौटीं। दोनों बहनों ने भारत सरकार के प्रति आभार जताया। रोमानिया बार्डर पर हालात को बयां करते हुए बताया कि उनके साथ पाकिस्तान के छात्र भी तिरंगा लेकर भीड़ में बार्डर को पार करके रोमानिया कैंप में पहुंचे थे। भारतीय दूतावास ने वीजा की जांच की तो पता चला कि वे पाकिस्तानी हैं। फिर उन्हें अलग करके रोक दिया गया। भारत सरकार की सक्रियता के बाद दूसरे देशों की एंबेसी ने भी तेजी दिखानी शुरू की। बेटियों के सकुशल लौटने पर मां सुनीता बेहद खुश हैं। भारत सरकार और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है।

दूतावास की सतर्कता से बेटियां सुरक्षित : बेटियों ने बताया कि हमारा देश कितना सशक्त है, वह हमें तब पता चला जब मुश्किल हालात में दूसरे देश के छात्र दहशत में थे। युद्ध पूर्वी क्षेत्र में चल रहा था। हम लोग पश्चिमी क्षेत्र में थे। भारतीय दूतावास लगातार ट्वि‍ट  करके पल-पल की जानकारी दे रहा था। हमें बस से रोमानिया बार्डर तक लाया गया। तिरंगा लगा होने के कारण यूक्रेन ही नहीं, रूस के सैनिकों ने भी पूरा सम्मान दिया।

कैंप में हर एक चीज की रही व्यवस्था : रचना की बहन स्वाति ने बताया कि यूक्रेन बार्डर से घर तक भारतीय दूतावास का पूरा सहयोग रहा। रोमानिया कैंप में हमारा पूरा ख्याल रखा गया। हर एक चीज की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई। दिल्ली एयरपोर्ट पर आने के बाद यूपी भवन ले जाया गया, जहां से कार से घर पहुंचाया गया।

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