रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने के मामले में अमेरिका ने कथित तौर पर भारत को दी क्लीन चिट…

रूस से रियायती दर पर तेल खरीदने के मामले में अमेरिका ने कथित तौर पर भारत को क्लीन चिट दे दी है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि भारत की ओर से रियायती दर पर रूसी तेल की खरीद अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं होगी। हालांकि उसने यह भी कहा कि इस तरह के कदम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को इतिहास के गलत पक्ष के रूप में रखा सकता है।
जेन साकी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि रूस से भारत की आयल डील अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन होगी लेकिन यह भी सोचें कि आप कहां खड़े होना चाहते हैं। ऐसे समय जब दुनिया का इतिहास लिखा जा रहा है तो रूस के लिए समर्थन… एक आक्रमण के लिए समर्थन है। यह रुख स्पष्ट रूप से विनाशकारी प्रभाव डाल रहा है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि जो बाइडन प्रशासन का संदेश है कि देशों को अमेरिकी प्रतिबंधों का पालन करना होगा। व्हाइट हाउस का यह बयान अमेरिका की ओर से सभी रूसी ऊर्जा आयातों पर प्रतिबंध लगाए जाने के एक हफ्ते बाद आया है। कच्चे तेल और अन्य वस्तुओं को रियायती कीमतों पर खरीदने के लिए भारत को दी गई रूसी पेशकश पर पूछे जाने पर जेन साकी (Jen Psaki) ने उक्त बातें कही।
गौरतलब है कि भारत ने अब तक रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला किए जाने की निंदा नहीं की है। यही नहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मसले पर मतदान से परहेज किया है। अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में कहा था कि वे चाहते हैं कि भारत जितना संभव हो सके रूस से खुद को दूर करे। यही नहीं हथियारों और गोला-बारूद से लेकर मिसाइलों और लड़ाकू विमानों तक हर चीज के लिए रूस पर निर्भरता को कम करे।
दरअसल पिछले हफ्ते रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि रूस अपने तेल क्षेत्र में भारतीय निवेश को बढ़ाने का इच्छुक है। रूस भारत को अपने तेल और पेट्रोलियम उत्पाद निर्यात बढ़ाने का पक्षधर है। रूसी सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक भारत को रूसी तेल का निर्यात एक अरब अमेरिकी डालर तक पहुंच गया है।