फादर्स डे: पिता ने पुत्र को दिया था इच्छा मृत्यु का वरदान

आप सभी को बता दें कि इस साल भारत में 19 जून 2022 को फादर्स डे मनाया जाने वाला है। जी हाँ और यह दिन पिता के प्यार त्याग को समर्पित होता है और इस दिन को मनाने की शुरुआत यूरोपियन देश में लगभग 109 साल पहले हुई थी। आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म में पिता का महत्व कई युगों पहले ही बता दिया गया था। जी हाँ और हिंदू धर्मग्रंथों में पिता-पुत्र के संबंध के कई किस्से हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे हैं। जी दरअसल यह कहानी उन पिता से जुड़ी है जिन्होंने अपने पुत्र को इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था।

यह कहानी है महाभारत की, जी दरअसल महाभारत के अनुसार, भीष्म पितामह को महाकाव्य का प्रमुख स्तंभ बताया गया है। जी हाँ और भीष्म के पिता राजा शांतनु थे। कहा जाता है एक बार जंगल में शिकार करने निकले शांतनु दूर तक चले गए। वापस लौटने में अंधेरा हो गया। शांतनु को वहां एक आश्रम मिला। जहां उनकी मुलाकात सत्यवती से हुई दोनों मन ही मन में एक दूसरे  को चाहने लगे। वहीं अगले दिन राजा शांतनु निषाद कन्या सत्यवती के पिता के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर पहुंचे। सत्यवती के पिता ने राजा शांतनु से वचन मांगा कि उसकी पुत्री से उत्पन्न संतान ही राजा बनेगी, तब उन्होंने सत्यवती के पिता की शर्त को अस्वीकार कर दिया।

वहीं जब ये बात भीष्म को पता चली तो वे सत्यवती के पिता के पास पहुंच गए। उसके बाद भीष्म ने सत्यवती के पिता को वचन दिया कि वे आजीवन ब्रह्मचारी रहेंगे सत्यवती की संतान ही राजा बनेगी और आग्रह किया कि पिता शांतनु कन्या सत्यवती के विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लीजिए। उसके बाद सत्यवती के पिता राजी हो गए इस तरह उन्होंने भीष्म ने अपने पिता की इच्छा पूरी की। जी हाँ और उसके बाद प्रसन्न होकर राजा शांतनु ने भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान (father’s day 2022 mythology story) दिया था।

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