स्वीडन-फिनलैंड NATO में हुए शामिल, व्लादिमीर पुतिन ने दी सख्त प्रतिक्रिया

एक तरफ रूस और यूक्रेन युद्ध को 3 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. अभी युद्ध खत्म होने की कोई उम्मीद नजर भी नहीं आ रही है। इन सबके बीच रूस के खतरों पर बात करने के लिए बुधवार को स्पेन में नाटो का शिखर सम्मेलन हुआ. वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ये सम्मेलन पसंद नहीं आया और उन्होंने इस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि, यह सैन्य गठबंधन यूक्रेन संघर्ष के माध्यम से अपना ‘वर्चस्व’ स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. अगर नाटो फिनलैंड और स्वीडन में सैनिक और इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़े करेगा तो तैनात करता है तो हम चुप नहीं बैठेंगे. हम उसका करारा जवाब देंगे.

इसलिए विरोध में उतरे पुतिन

दरअसल, फिनलैंड और स्वीडन हाल ही में नाटो में शामिल हो गए हैं, जबकि एक दिन पहले ही तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के खिलाफ अपने वीटो को वापस ले लिया और तीनों देशों के बीच एक दूसरे की रक्षा करने पर सहमति बन गई है. इसे लेकर पुतिन ने रूस के सरकारी टीवी पर दिए इंटरव्यू में बताया कि, ‘स्वीडन और फिनलैंड से हमें उस तरह की दिक्कतें नहीं हैं जिस तरह की यूक्रेन से हैं. अगर ये दोनों नाटो से जुड़ना चाहें तो बेशक जुड़ सकते हैं.

अगर नाटो ने तैनात किए सैनिक तो देंगे जवाब

व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि, स्वीडन और फिनलैंड के लिए पहले भी किसी तरह का खतरा नहीं था और अब भी नहीं है. लेकिन नाटो अगर यहां अपनी मिलिट्री और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैनात करेगा तो सबके लिए दिक्कत होगी. हम इसे लेकर चुप नहीं बैठेंगे और इसका जवाब देंगे. उन्होंने दावा किया कि फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में जाने से अब इनके संबंध रूस से प्रभावित होंगे. हमारे बीच अब तनाव आ सकता है.

‘सबसे बड़ा और सीधा खतरा है रूस’

दूसरी ओर नाटो शिखर सम्मेलन में सैन्य गठबंधन ने कहा कि, हमारे सदस्यों की शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा और सीधा खतरा रूस से ही है. बता दें कि 30 देशों के इस संगठन की बैठक बुधवार को मैड्रिड में बुलाई गई थी.

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