यूपी शिक्षक भर्ती: 50 फीसद फर्जी शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा नहीं कराया दर्ज

प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई है। 50 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षकों पर मुकदमा ही नहीं दर्ज कराया गया जबकि 30 जून तक इसका ब्योरा महानिदेशक स्कूल शिक्षा के साथ एसटीएफ को भेजना था। अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं।

एसटीएफ ने 35 जिलों में कार्यरत 176 फर्जी शिक्षकों की सूची सौंप कर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। इन शिक्षकों पर फर्जी अंकपत्र व नियुक्ति पत्र के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में नौकरी हासिल कर सरकारी धन के गबन का आरोप है। एफआईआर के साथ-साथ इनकी गिरफ्तारी और सरकारी धन की रिकवरी भी होनी है। इनमें से आधे से भी कम यानी 87 शिक्षकों के खिलाफ ही अभी तक एफआईआर दर्ज हुई है। बाकी मामलों में विभागीय की ओर से पहल नहीं की गई है। नतीजा यह हुआ कि फर्जी शिक्षकों ने मोहलत का फायदा उठाते हुए अपने वेतन व अन्य खाते खाली कर दिए। संपत्तियां दूसरों के नाम कर दी। हालांकि, इनमें से करीब आधा दर्जन मामलों में कोर्ट से स्टे है।

यह है मामला ?
एडीजी एसटीएफ द्वारा 30 मई 2022 को प्रदेश के 35 जिलों के बीएसए को जिन 176 फर्जी शिक्षकों की सूची सौंपी गई थी उनमें कई तो 15 से 20 साल नौकरी कर चुके हैं। एसटीएफ की सूची मिलने के एक माह बाद भी एफआईआर न कराने पर महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी 35 बीएसए को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। उन्होंने एडीजी एसटीएफ के पत्र का हवाला देते हुए कहा है कि आप सभी ने अभी तक एफआईआर दर्ज कराकर सूचना नहीं भेजी है। यदि एफआईआर दर्ज भी करा दी है तो आख्या नहीं भेजी है। उन्होंने सभी बीएसए को तत्काल एफआईआर दर्ज कराते हुए सूचना भेजने के निर्देश दिए। इसके बाद भी 89 फर्जी शिक्षकों पर केस नहीं हुआ। इसके लिए बीएसए, बीईओ के पाले में गेंद डाल रहे हैं।

गोरखपुर-बस्ती मंडल में सबसे ज्यादा फर्जी शिक्षक
फर्जी शिक्षकों की सूची में सबसे ज्यादा संख्या गोरखपुर और बस्ती मंडल की है। गोरखपुर मंडल में 45 और बस्ती मंडल में 36 फर्जी शिक्षक हैं। इसके बाद क्रमश: लखनऊ-25, गोण्डा-21, आजमगढ़-16 और 11 मामलों के साथ प्रयागराज मंडल का नाम है। वाराणसी मंडल में 7, आगरा मंडल में 5, कानपुर मंडल में 4, अयोध्या मंडल में 3, मिर्जापुर मंडल में 2 और बरेली मंडल में एक फर्जी शिक्षक चिह्नित किया गया है। गोरखपुर मंडल में भी सबसे ज्यादा 25 मामले देवरिया और बस्ती बस्ती मंडल में सर्वाधिक 23 शिक्षक बस्ती के हैं। अभी तक प्रदेश में सर्वाधिक 17 शिक्षकों के खिलाफ बस्ती में एफआईआर दर्ज हुई है।

कुछ मामले कोर्ट में
फर्जी शिक्षकों के कुछ मामलों में कोर्ट से स्टे है। इनमें गोरखपुर, कुशीनगर और उन्नाव का एक-एक मामला है। उन्नाव के बीएसए का कहना है कि फर्जी शिक्षक संतोष सिंह पर केस दर्ज कराया गया था। वह कोर्ट से स्टे ले आया। अभी पढ़ा रहा है।

मंडलवार फर्जी शिक्षक और दर्ज मामले

मंडल जिला —फर्जी शिक्षक— दर्ज केस —एफआईआर लंबित

गोरखपुर देवरिया —25 —10— 15
गोरखपुर— 08— 06— 02

महरराजगंज —08— 01— 07
कुशीनगर —04— 00 —00

बस्ती बस्ती —23— 17— 06
सिद्धार्थनगर —07— 00— 00

संतकबीरनगर —06— 05— 01
लखनऊ सीतापुर —15— 13— 02

हरदोई —05 —00 —00
खीरी —03— 01— 02

लखनऊ —01— 01— 00
उन्नाव —01— 01— 00

गोण्डा श्रावस्ती —12— 12— 00
बलरामपुर —05— 04— 01

गोण्डा —04— 04— 00
आजमगढ़ आजमगढ़ —10— 02— 08

मऊ —03— 02— 01
बलिया —03— 00— 00

प्रयागराज प्रयागराज —05— 00— 00
प्रतापगढ़ —05— 00— 00

कौशांबी —01— 00— 00
वाराणसी जौनपुर —04— 00— 00

गाजीपुर —03— 02— 01
आगरा मथुरा —03— 00— 00

आगरा —01 —01— 00
फिरोजाबाद —01— 00— 00

कानपुर कन्नौज —02— 00— 00
कानपुर —01— 00— 00

फर्रुखाबाद 01 01 00
अयोध्या बाराबंकी 01 01 00

सुलतानपुर —01— 01 —00
अमेठी— 01— 01 —00

मिर्जापुर भदोही— 01— 00— 00
सोनभद्र —01— 00— 00

बरेली शाहजहांपुर —01— 01— 00
कुल —176— 87— 89

स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद ने कहा, “जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एफआईआर की सूचना देने के लिए 15 जुलाई तक का समय दे दिया गया है।

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