युवकों ने 21 मवेशियों को तस्करों के कब्जे से छुड़ाया, एक गिरफ्तार

गौतस्करी के एक मामले में 21 मवेशियों को तस्करों के कब्जे से छुड़ाया गया है। इसमें शहर के कुछ युवाओं ने साहस का परिचय देते हुए मवेशियों को तस्करों के कब्जे से छुड़ाने में सफलता हासिल की है। जानकारी के अनुसार तस्कर मवेशियों को छोड़कर भाग खड़े हुए। वहीं उनका एक तस्कर को युवाओं ने पकड़ लिया। मामले में पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार पुलिस इसमें रूचि नहीं दिखा रही थी। हालांकि गौसेवा आयोग के सदस्य शेखर त्रिपाठी के दखल के बाद पुलिस को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। लोगों द्वारा मवेशियों के साथ ही आरोपित को भी पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

पत्थलगांव के समीप चरखापारा मवेशी बाजार वर्षों से मवेशियों की तस्करी का प्रमुख केंद्र रहा है। प्रत्येक सोमवार को लगने वाले इस बाजार से बड़ी संख्या में मवेशी झारखंड,बिहार और बंगाल के बूचड़खानों में ले जाए जाते हैं। सोमवार को तस्करों द्वारा एक झुंड में मवेशियों को जशपुर की ओर ले जाया जा रहा था। झुंड में जहां कई बूढ़े हो चुके मवेशी थे तो कई शावक और गर्भवती गाय थीं। तस्करों की मार से कई मवेशी घायल भी हो गए थे। तस्कर इन्हें रायगढ़ रोड के अंदरूनी इलाकों से ले जा रहे थे। जहां नितेश सिंघल समेत शहर के कुछ युवाओं की इन पर नजर पड़ गई। बच्चों और गायों के साथ ही घायल मवेशियों को निर्दयतापूर्वक मारपीट कर हांकते हुए ले जाते देखकर युवकों ने तस्करों को रोकने का प्रयास किया तो वे और जल्दी-जल्दी मवेशियों को खदेड़ने लगे। यह देखकर युवकों को स्थिति समझते देर नहीं लगी और उन्होंने तस्करों का पीछा करना शुरू कर दिया। रायगढ़ रोड से होते हुए तस्कर मवेशियों को लेकर जशपुर रोड पर पूरन तालाब तक जा पहुंचे। उधर तस्करों का पीछा करते-करते युवक भी यहां पहुंच गए। इस दौरान स्थिति भांपकर मुख्य आरोपित बाइक मौके पर छोड़कर भाग खड़ा हुआ जिसके बाद मवेशियों को हांक रहे लोग भी इधर-उधर भागने लगे। परंतु इनमें से एक आरोपित लोगों के हत्थे चढ़ गया। युवकों ने पुलिस को मामले की सूचना दी परंतु इसे लेकर पुलिस का आश्चर्यजनक रूप से रूखा रवैया देखने को मिला। इस पर उन्होंने छग गौसेवा आयोग के सदस्य शेखर त्रिपाठी को पूरे मामले से अवगत कराया। जिस पर श्री त्रिपाठी ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस के कुछ कर्मचारी मौके पर पहुंचे। यहां युवकों ने मवेशियों और एक आरोपित को पुलिस के हवाले कर दिया। थाने में पशु चिकित्सकों को बुलाकर मवेशियों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। जानकारी के अनुसार जब्त किए गए 21 मवेशियों में 7-8 शावकों के साथ ही कई गाय हैं जिनमें से एक गर्भवती भी है। स्वास्थ्य परीक्षण के उपरांत सभी मवेशियों को देख-रेख के लिए सुरेशपुर के गौठान में भिजवा दिया गया है। वहीं शाम को भी इसी प्रकार का एक मामला सामने आया जिसमें युवक सूरत रोहिला की पहल पर कुछ मवेशी तस्करों के कब्जे से छुड़ाए गए। इस मामले में झारखंड निवासी एक युवक को भी पुलिस के हवाले किया गया है। पुलिस द्वारा मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है मामले की जानकारी के लिए थाना प्रभारी से कई बार फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।

विवादों में पुलिस का रवैया

मवेशी बाजार से मवेशियों की तस्करी और इसे लेकर पुलिस का रवैया अर्से से विवादों के घेरे में रहा है। उल्लेखनीय है कि रायगढ़ व जशपुर जिले की सीमा पर स्थित चरखापारा के लिए पत्थलगांव ही सबसे पहला थाना पड़ता है। चरखापारा से आने वाला कोई भी व्यक्ति पत्थलगांव थाना क्षेत्र को पार किए बिना जशपुर की ओर आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे में पत्थलगांव थाने की भूमिका इस मामले में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। परंतु इसके बाद भी यहां से होकर मवेशी तस्करी अर्से से निर्बाध रूप से जारी है। ऐसा भी नहीं है कि यह विषय पहली बार उठा हो। समय-समय पर मीडिया इन बातों को प्रमुखता से उठाता रहा है। और तो और कई मीडियाकर्मियों द्वारा स्वयं भी पुलिस को सूचना देकर इसे रूकवाने का प्रयास किया जाता रहा है। परंतु हैरान करने वाली बात है कि सूचना के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती या फिर पहुंचती भी है तो काफी देर से तब तक तस्कर थाने की सीमा से पार हो जाते हैं। स्थिति को देखते हुए पत्थलगांव पुलिस की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं परंतु कोई कार्रवाई नहीं होने से ऐसा प्रतीत होता है कि उच्चाधिकारियों को भी इसकी रोकथाम में कोई रूचि नहीं है।

आयोग में रखेंगे बात

गौसेवा आयोग के सदस्य शेखर त्रिपाठी ने पत्थलगांव क्षेत्र से हो रही मवेशियों की तस्करी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मवेशी बाजार क्षेत्र के किसानों की सुविधा के लिए संचालित है। परंतु यह बात उनके भी संज्ञान में आई है कि यहां से गोधन को तस्करी कर झारखंड समेत अन्य राज्यों में ले जाया जा रहा है। उनका कहना है कि पत्थलगांव क्षेत्र का प्रमुख पुलिस थाना है और पुलिस को तस्करी पर रोक लगाना चाहिए। सोमवार की घटना को लेकर शेखर त्रिपाठी ने पुलिस के अधिकारियों से चर्चा की ौर तस्करी पर रोक लगाने की मांग की। तस्करी रोकने के लिए पुलिस द्वारा पर्याप्त रूचि नहीं दिखाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस स्थिति पर आयोग में भी चर्चा होगी। वे आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों को यहां आमंत्रित करेंगे कि वे यहां आकर वस्तुस्थिति देखें।

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