जानिए आखिर किस कामना के लिए गणेश जी के किस स्वरूप की विधि-विधान से करनी चाहिए उपासना

मंगल और शुभता का प्रतीक माने जाने वाले प्रथम पूजनीय प्रभु श्री गणेश जी की साधना बहुत ही लाभदायक है। गणेश जी अपने भक्तों की पलक झपकते ही बड़ी से बड़ी समस्या को दूर कर देते हैं। विघ्नहर्ता, मंगलकर्ता गौरी पुत्र गणेश जी की महिमा का गुणगान विभिन्न पुराणों, शास्त्रों में किया गया है। देवाधिदेव के तमाम स्वरूपों की पूजा करने की अपनी अलग-अलग अहमियत है। आइए जानते हैं कि आखिर किस कामना के लिए गणेश जी के किस स्वरूप की विधि-विधान से उपासना करनी चाहिए।

हरिद्रा गणेश जी:-
गणेश जी का यह स्वरूप हरिद्रा नाम की जड़ से तैयार किया जाता है। हरिद्रा निर्मित गणेश मंगल के प्रतीक कहे जाते हैं। अगर किसी शख्स की शादी आदि में रुकावट आ रही हो तथा आयु गुजरती जा रही हो तो उसे हरिद्रा गणपति का खास तौर पर पूजन करना चाहिए। जल्द शादी की कामना को पूरा करने के लिए कन्या या बालक को अपने गले में हरिद्रा गणपति को लॉकेट के तौर पर पहनना चाहिए।

स्फटिक गणेश जी:-
गणेश जी की खास भक्ति के लिए यह प्रतिमा स्फटिक से बनाई जाती है। स्फटिक अपने आप में स्वयंसिद्ध रत्न है, ऐसे में गणेश जी की इस मूर्ति का महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है। स्फटिक के गणेश जी की पूजा करने से धन के अपव्यय एवं विघ्नों से रक्षा तथा जीविका तथा कारोबार में बरकत होती।

गणेश शंख:-
गणेश जी कृपा पाने के लिए इस शंख को घर में खास तौर पर रखा जाता है। इस शंख की आकृति गणपति के आकार की होती है। गणेश शंख को घर या कार्य क्षेत्र मेंं विराजित कर रोजाना पूजन एवं दर्शन मात्र से गणपति की कृपा बरसती है। जिंदगी से संबंधित सभी समस्याओं का खात्मा होता है।

गणेश यंत्र:-
गणेश जी की कृपा दिलाने वाला यह यंत्र बहुत चमत्कारिक फल देने वाला होता है। गणेश यंत्र को घर में या व्यवसाय स्थल, फैक्ट्री, दुकान या दफ्तर में विराजित करके रोजाना पूजा करने पर जिंदगी में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं तथा लोगों को हर कार्य में कामयाबी प्राप्त होती है।

गणेश रुद्राक्ष:-
गणेश जी की कृपा पाने के लिए रुद्राक्ष भी एक महाउपाय है। इसके लिए गणेश रुद्राक्ष को विधि-विधान से पूजा करके पहनना चाहिए। गणेश रुद्राक्ष पढ़ने-लिखने वाले छात्रों की उन्नति के लिए अत्यंत शुभ सिद्ध होता है। विद्यार्थियों को इसे अपने गले में धारण करना चाहिए।

श्वेतार्क गणेश जी:-
श्वेतार्क एक वृक्ष के जड़ से बनी गणेश जी की प्रतिमा अत्यंत शुभ फल प्रदान करने वाली होती है। श्वेतार्क गणेश जी को विधि-विधान से घर में विराजित करने तथा उनकी विधिवत पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। श्वेतार्क गणेश जी की पूजा करने वाले भक्तों की सभी अभिलाषाएं पूरी होती हैं।

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