छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने दिखाया सख्त तेवर, जाने पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन पर सीएम भूपेश बघेल ने सख्त तेवर दिखाएं हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संघों से बात हुई थी। 6% डीए बढ़ाया गया। आधे संगठनों ने स्वागत किया। दूसरे संगठन के लोग भी मिलने आए थे। 6 प्रतिशत को एक प्रतिशत और बढ़ाकर 7% करने की बात कह रहे हैं। यहां कोई सौदेबाजी थोड़ी होगी। अर्थव्यवस्था को देखते हुए हमने फैसला लिया है। ओल्ड पेंशन स्कीम सरकार ने लागू किया है। कर्मचारी हित में लगातार फैसला ले रहे हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ कर्मचारियों को मिल रहा है। भाजपा सरकार में योजनाओं से वंचित कर दिया जाता था। हमारी सरकार में बिजली बिल आधा और राशन भी मिल रहा है। किसान घर से हैं तो धान खरीदी योजना का लाभ भी मिल रहा है। सप्ताह में केवल 5 दिन काम करना है। लगातार कर्मचारी हित में सरकार फैसला ले रही है। उसके बाद भी कोई हड़ताल करना चाहे तो उनकी इच्छा। शासन अपना काम करेगा।

बता दें कि राज्य सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने का आदेश जारी किया गया है, लेकिन इस आदेश को लेकर कर्मचारी और अधिकारियों में भारी नाराजगी है। प्रदेश में कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई भत्ता 12% बढ़ाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया था। केंद्र सरकार के सामान 34% महंगाई भत्ता की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया है, जिससे कर्मचारियों के हक पर डाका डाला जा रहा है। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन 3 चरणों में आंदोलन कर चुका है। अब फिर एक बार महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर्मचारी संगठन कर रहे हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से एक बार फिर आम जनता की मुसीबतें बढ़ गई है।

सीएम का तंज- भाजपा नेता किस दुनिया में जी रहे 
भाजपा व केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोंडागांव जिला नक्सल मुक्त हुआ है, लेकिन विकास के लिए 30 करोड़ मिल रहे थे, उसे बंद कर दिया गया है। भाजपा नेताओं द्वारा बस्तर में विकास नहीं होने के आरोप पर पलटवार करते हुए सीएम ने कहा कि वे अपनी समय की बात कह रहे हैं। नक्सल क्षेत्रों में आज सड़कों का जाल बिछा हुआ है। हजारों करोड़ों रुपये की सडकें बनाई गई हैं। अबूझमाड़ जाने के लिए पुल नहीं था। आज तक अबूझमाड़ में किसी को पट्टा नहीं मिला था। हमारी सरकार पट्टा दे रही है। बिजली भी पहुंच गई। दुर्ग से राजनांदगांव, राजहरा, अंतागढ़, ओरझा से भैरमगढ़ के लिए सड़कें बन रही है। दंतेवाड़ा जाएंगे तो 150 किलोमीटर बचेगा। अबूझमाड़ से सड़कें बनकर जाना बड़ी उपलब्धि है। बृजमोहन अग्रवाल किस दुनिया में जी रहे हैं। केवल रायपुर में बैठकर पुराने आंकड़ों पर बात कर रहे हैं। बस्तर के सातों जिलों में अच्छी सड़कें बनीं हैं।

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