‘बिसलेरी इंटरनेशनल’ के चेयरमैन रमेश चौहान ने टीसीपीएल के साथ डील की खबर से किया इनकार 

देश की सबसे बड़ी पैकेज्ड वाॅटर मेकर बिसलेरी अपने कारोबार को बेच रही है। कंपनी को खरीदार की तलाश है और इसके लिए टाटा ग्रुप से भी बातचीत चल रही है। ‘बिसलेरी इंटरनेशनल’ के चेयरमैन और मशहूर उद्योगपति रमेश चौहान ने गुरुवार को कहा कि वह अपने बोतलबंद पानी के कारोबार के लिए खरीदार की तलाश में हैं और इस बारे में उनकी टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Tata consumer products limited) समेत कई कंपनियों से बात चल रही है।

न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, 82 साल के रमेश चौहान से जब इस बारे में पूछा गया कि बिसलेरी कारोबार को बेचने के पीछे क्या वजह है? तब उन्होंने कहा कि आगे चलकर किसी को तो बिजनेस का दायित्व संभालना ही होगा, इसलिए हम उचित रास्ता तलाश रहे हैं। दरअसल, उनकी बेटी जयंती की दिलचस्पी कारोबार को संभालने में नहीं है।

7,000 करोड़ की डील पर किया इनकार 
इतना ही नहीं मीडिया में चल रही डील की रकम को लेकर भी रमेश चौहान ने बातचीत की। उन्होंने टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के साथ 7,000 करोड़ रुपये के डील की खबर को इनकार किया है। दरअसल, चौहान से पूछा गया था कि क्या वह बिसलेरी का कारोबार बेचने वाले हैं। इस पर उन्होंने कहा, ”हां, हम बेच रहे हैं।” उन्होंने कहा कि समूह की कई संभावित खरीदारों से बात चल रही है। उनसे पूछा गया कि क्या वह टाटा समूह की कंपनी को कारोबार बेच रहे हैं, इस पर चौहान ने कहा, ”यह सही नहीं है…अभी हमारी बात चल रही है।” बिसलेरी इंटरनेशनल के प्रवक्ता ने बाद में मीडिया में एक बयान में कहा, ”अभी हमारी बात चल रही है, इससे अधिक जानकारी नहीं दी जा सकती है।”

30 साल पहले सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को बेचा था
चौहान ने तीन दशक पहले अपने सॉफ्ट ड्रिंक कारोबार को अमेरिकी पेय पदार्थ कंपनी कोका-कोला को बेच दिया था। उन्होंने थम्स अप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माजा और लिम्का जैसे ब्रांड 1993 में कंपनी को बेच दिया। चौहान 2016 में फिर से सॉफ्ट ड्रिंक के कारोबार में उतरे लेकिन उनके उत्पाद ‘बिसलेरी पॉप’ को उतनी सफलता नहीं मिली।

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