नीतीश सरकार इन मामलों में अब अपनाएगी सख्त रुख, पढ़े पूरी ख़बर

बिहार की नीतीश सरकार ने काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार ने 9 अंचल अधिकारियों (सीओ) को निलंबित कर दिया है जबकि 10 के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि सीओ समेत राजस्व विभाग के किसी भी कर्मी या पदाधिकारी के खिलाफ मिली शिकायत प्रमाणित होती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इसके पहले विभागीय निगरानी कोषांग के कार्यों की समीक्षा करते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि जिन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है उसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए। ताकि, संबंधित कर्मियों के खिलाफ शीघ्र एवं सही निर्णय लिया जा सके। मंत्री ने कहा कि सर्व साधारण लोग, गरीब-गुरबों, वंचितों को कोई परेशानी नहीं हो और उनका काम तय समय सीमा में हो, इसे लेकर विभाग बहुत सचेत है।

निलंबित सीओ पर थे ये आरोप

अवैध जमाबंदी कायम करना, अतिक्रमण हटाने में लापरवाही बरतना, उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित वादों में पारित आदेशों के अनुपालन में दिलचस्पी नहीं लेना, दाखिल खारिज एवं ऑनलाइन सेवाओं का समय पर निष्पादन नहीं करना आदि।

अंचल अधिकारियों और राजस्वकर्मियों पर सख्ती

राज्य सरकार अंचल अधिकारियों, राजस्व कर्मियों, अमीनों की गड़बड़ियों पर अब सख्त रुख अपनाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पूरे प्रदेश से इन अधिकारी-कर्मियों से जुड़ीं गड़बड़ियों की रिपोर्ट तलब की है। इनमें सभी 38 जिलों में पिछले दिनों गड़बड़ी की शिकायतें, उनकी जांच और सभी संबंधित जानकारी मुख्यालय भेजने को कहा है। विभाग ने सभी अंचलों में लंबित मामलों की जानकारी भी देने को कहा है। कहां कितने मामले किस-किस विषयों से जुड़े हैं और कब से लंबित हैं, सारी जानकारी मुख्यालय को भेजनी है।

दरअसल, दाखिल-खारिज से जुड़े मामले सर्वाधिक विवादास्पद हो गए हैं। अंचल स्तर पर इसको लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं। लंबे समय तक दाखिल-खारिज रोककर रखना, एक जैसे मामले में दो तरह की कार्रवाई, किसी मामले को तत्काल निपटाना और इसी जैसे मामले को लंबे समय तक लंबित रखने से कई तरह के संशय उत्पन्न होते हैं। यही नहीं, ऐसे मामलों में भ्रष्टाचार की भी आशंका बनी रहती है। आम लोगों को इससे काफी परेशानी होती है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने कहा है कि भ्रष्टाचार के मामले किसी सूरत में स्वीकार्य नहीं होंगे। उन्होंने इस संबंध में कठोरतम कार्रवाई की घोषणा भी की है।

इन अधिकारियों को किया गया सस्पेंड

  • विजय कुमार,सीओ, दाउदनगर
  • सुनील कु. वर्मा, तत्कालीन सीओ, बिहारशरीफ
  • चंदन कुमार, तत्कालीन सीओ, फुलवारी, पटना
  • कुंदन लाल, तत्कालीन सीओ, गड़हनी, भोजपुर
  • अमित कुमार, सीओ, ओबरा, औरंगाबाद
  • उज्ज्वल कु. चौबे, सीओ, कुचायकोट, गोपालगंज
  • दिनेश कुमार, तत्कालीन सीओ, काको, जहानाबाद
  • विनोद कुमार चौधरी, सीओ, खिजरसराय, गया
  • सुरेजश्वर श्रीवास्तव, सीओ, करगहर, रोहतास

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency