पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर अब चन्नी सरकार पर साधा निशाना….

पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने अब ट्वीट कर चन्नी सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले वह कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भी बेअदबी व नशे के मुद्दे पर निशाना साधते रहे हैं। सिद्धू ने लिखा कि पिछली सरकार नशे पर रोक लगाने व बेअदबी मामलों पर कार्रवाई करने में पूरी तरह से विफल रही। अब भी ऐसा ही हो रहा है।

ट्वीट कर नवजोत सिंह सिद्धू ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता व एजी एपीएस देयोल को हटाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा। सिद्धू ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी शेयर किया है। उसमें उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा पर भी सवाल उठाया गया है। बता दें, सुखजिंदर सिंह रंधावा के पास गृह विभाग भी है।

नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट किया कि बेअदबी के मामलों में न्याय दिलाने और नशीली दवाओं के व्यापार के मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी के वादे को लेकर वर्ष 2017 में हमारी सरकार आई। लेकिन, सरकार की विफलता के कारण पिछले मुख्यमंत्री को हटा दिया गया। अब फिर एजी/डीजीपी की नियुक्तियां पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कती हैं। उन्हें बदला जाना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो हम जनता को चेहरा दिखाने लायक नहीं रहेंगे। 

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बता दें, इन्हीं मुद्दों पर नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके हैं। सिद्धू ने इन एजी व डीजीपी की नियुक्ति सहित कुछ अन्य मुद्दों पर उनकी राय को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। हालांकि सिद्धू की नाराजगी के बाद पंजाब सरकार बेअदबी मामलों की कोर्ट में पैरवी के लिए स्पेशल प्रासिक्यूटर की नियुक्ति कर चुकी है, लेकिन जिस तरह से सिद्धू ने ट्वीट कर एक बार फिर इस मुद्दे को उठाया है उससे लगता है कि सिद्धू इससे भी खुश नहीं हैं।

उल्लेखनीय है कि सिद्धू कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार पर भी बेअदबी व ड्रग्स मामलों पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाते रहे हैं। सिद्धू ने कांग्रेस के पंजाब प्रधान बने तो वह इन मुद्दों पर और मुखर हो गए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए ऐसी स्थितियां पैदा कर दी कि उन्हें सीएम पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब सरकार की कमान सौंपी है। चन्नी के शपथ ग्रहण के 10 दिन बाद ही सिद्धू ने पार्टी अध्यक्ष पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उनकी राय को दरकिनार किया जा रहा है।  

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