देहरादून के आदर्श नगर में अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने के मामले में बहस हुई पूरी, थोड़ी देर में होगा सजा पर फैसला

दून के आदर्श नगर में अपने ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या करने के मामले में बहस पूरी हो गई है। अभियोजन पक्ष ने अदालत के समक्ष दोषी को फांसी की सजा देने की गुहार लगाई है। बहस के दौरान अधिवक्ताओं ने बिहार और पंजाब में हुए इस तरह के जघन्य अपराधों की जजमेंट भी अदालत के समक्ष रखी। कोर्ट ने दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद फैसला दोपहर बाद सुरक्षित रख लिया है।

दीपावली के दिन चकराता रोड आदर्श नगर में एक ही परिवार के गर्भवती महिला सहित चार सदस्यों की हत्या करने वाले आरोपित को कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दिया था। 24 अक्टूबर 2014 को आरोपित हरमीत सिंह ने अपने पिता जय सिंह, सौतेली मां कुलवंत कौर, सौतेली गर्भवती बहन हरजीत कौर और हरजीत कौर की बेटी सुखमणि की चाकू से गोद कर हत्या कर दी थी। हमले में हरजीत कौर के बेटे कमल को चाकू लगे थे। केस में कमल चश्मदीद गवाह रहा। दिल दहलाने देने वाली इस घटना को दोषी ने प्रॉपर्टी को लेकर अंजाम दिया था।

जानिए क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि ये मामला 24 अक्टूबर 2014 को दीपावली की रात का है। इस घटना का पता तब चला जब नौकरानी राजी अगले दिन घर काम करने पहुंची थी। उस वक्त हरमीत घर पर ही था। उसने उसे घर नहीं में मौजूद था। उसने राजी को अंदर नहीं आने दिया और वहां से चले जाने को कहा। इस पर राजी ने जय सिंह के भतीजे और मुकदमे में शिकायतकर्ता अजीत सिंह को फोन कर बताया कि हरमीत घर का काम कराने से मना कर रहा है। अजीत ने जय सिंह को फोन किया, लेकिन फोन कट गया। दोबारा फोन किया तो हरमीत से बात हुई।

अजीत ने मौके पर पहुंचकर पूछा कि जय सिंह कहां है तो हरमीत ने बताया कि वो कहीं गए हुए हैं। इस पर अजीत ने हरमीत से कहा कि गेट खोलो और राजी को घर का काम करने दो। हरमीत ने दरवाजा खोल दिया। राजी घर के अंदर दाखिल हुई तो हर तरफ खून बिखरा हुआ था। जय सिंह, कुलवंत कौर, हरजीत कौर और सुखमणि खून से लथपथ पड़े थे। राजी चीखते हुए बाहर आ गई और इसकी सूचना अजीत को दी। इस मामले में कैंट कोतवाली में हरमीत के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

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