निवेशकों को इधर-उधर टहलाना अब अधिकारियों को पड़ने वाला है महंगा, पढ़े पूरी ख़बर

निवेशकों को इधर-उधर टहलाना अब अधिकारियों को महंगा पड़ेगा। अधिकारी निवेशकों से खुद बात करेंगे। उन्हें अधीनस्थों के भरोसे नहीं छोड़ा जाएगा। तय समयसीमा में उनके आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा। ऐसा न होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। यह निर्देश गत दिवस श्रमायुक्त शकुंतला गौतम ने श्रम विभाग के तमाम अधिकासरियों को दिए। 

नोएडा में जापानी निवेशक की शिकायत मामले को प्रदेश सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है। इस मामले में सीएम योगी के कड़े रुख के बाद श्रम सहित तमाम विभागों में अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। श्रमायुक्त ने प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से जुड़े मामलों को लेकर प्रदेश के सभी डीएलसी, कारखाना निदेशक, उप निदेशक, ब्वायलर डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर आदि की बैठक में कड़े दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि अधिकारी प्रदेश में निवेश करने वालों के लिए फेसिलिटेटर की भूमिका अदा करें। 
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग से जुड़ी 34 सेवाएं हैं। यह सभी काम समयबद्ध ढंग से किए जाने हैं। इसमें टाइम का इंतजार न करें। सभी आवेदनों का समय से निस्तारण सुनिश्चित करें।

अधिकारियों से कहा गया है कि निवेशकों की बात वे खुद सुनें। अधीनस्थों को भी ठीक ढंग से समझा दें कि किसी निवेशक के साथ गलत व्यवहार हुआ तो खैर नहीं। लेबर सेस से जुड़े मामले में संबंधित प्राधिकरण से पुष्टि करा लें क्योंकि वहां नक्शा भी जमा होता है। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency