इन दोनों देशों को वार्ता की टेबल पर लाने में प्रधानमंत्री मोदी निभा सकते है बड़ी भूमिका…

इस समय की सबसे बड़ी जरूरत रूस और यूक्रेन को वार्ता की टेबल पर लाने और युद्धविराम कराने की है, इससे दुनिया को बड़ी राहत मिल सकती है। इस प्रयास में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। यह बात बुजुर्ग फ्रांसीसी पत्रकार लौरा हाइम ने कही है। उन्होंने कहा, इस समय जो स्थितियां हैं उनमें यह प्रयास बहुत मुश्किल है, क्योंकि यूक्रेन रूस से वार्ता नहीं करना चाहता है। वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में युद्ध अपराध का मुकदमा चलाना चाहता है।

फ्रांसीसी पत्रकार ने किया आकलन

लौरा इस समय एलसीआइ न्यूज चैनल के लिए कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि अमेरिका में लोग रूस-यूक्रेन युद्ध पर बात नहीं कर रहे। जबकि यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंचता जा रहा है। यूरोप उसकी तपिश झेल रहा है। स्तब्ध हूं कि अमेरिका में सब शांत हैं। यहां पर जो बाइडन और डोनाल्ड ट्रंप के ठिकानों पर मिले गोपनीय दस्तावेजों की चर्चा हो रही है, दुनिया के सबसे बड़े खतरे के बारे में नहीं।

रूस से यूक्रेनी भूमि को मुक्त कराना बहुत मुश्किल

इस वर्ष यूक्रेनी जमीन को रूसी कब्जे से मुक्त करा पाना बहुत ज्यादा मुश्किल कार्य है। यह बात अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख जनरल मार्क मिली ने कही है। जनरल मिली ने यह बात यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के यूक्रेन की प्रत्येक इंच जमीन रूसी कब्जे से मुक्त कराने के संकल्प पर कही है।

उन्होंने कहा कि उनके बयान का यह मतलब नहीं है कि यूक्रेन यह कार्य कर नहीं सकता है लेकिन इसके लिए बहुत ज्यादा प्रयास और ज्यादा समय की जरूरत होगी। इसके लिए लंबी और भीषण लड़ाई लड़नी होगी। साथ ही उन्नत अमेरिकी हथियारों और उनके इस्तेमाल के प्रशिक्षण की जरूरत होगी।

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