जानें बीटिंग रिट्रीट समारोह से जुड़ी दस खास बातें-

 74वें गणतंत्र दिवस का समापन समारोह ‘बीटिंग रिट्रीट’ दिल्ली में रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई दिज्जग मौजूद रहे। झमाझम बारिश के बीच, दिल्ली के प्रतिष्ठित विजय चौक पर इस सेरेमनी को पूरे हर्षोल्लास और नई उमंग से भरा देखा गया। इस खबर में जानें बीटिंग रिट्रीट समारोह से जुड़ी दस खास बातें-

1) ‘बीटिंग रिट्रीट’ के ग्रैंड ड्रोन शो में भारतीय शास्त्रीय संगीत की मुधर धुन बजाई गई। सेना के तीनों अंग और राज्य पुलिस तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के बैंडों ने इस अवसर पर धुनें बजाईं।

2) भारतीय वायु सेना के बैंड ने ‘अपराजेय अर्जुन’, ‘चरखा’, ‘वायु शक्ति’, ‘स्वदेशी’ की धुनें बजाईं। वहीं नौसेना के बैंड ने ‘एकला चलो रे’, ‘हम तैयार हैं’ और ‘जय भारती’ की धुनें बजाईं।

3) भारतीय सेना के बैंड ने ‘शंखनाद’, ‘शेर-ए-जवान’, ‘भूपाल’, ‘अग्रणी भारत’, ‘यंग इंडिया’, ‘कदम कदम बढ़ाए जा’, ‘ड्रमर्स कॉल’ और ‘ऐ मेरे वतन के’ की धुन बजाई।

4) कार्यक्रम की शुरुआत सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को तीनों सेनाओं की सलामी से हुई। तीनों सेना के प्रमुखों ने राष्ट्रपति को सलामी दी।

5) ‘बीटिंग रिट्रीट’ देश सबसे बड़ा ड्रोन शो है, जिसमें 3,500 स्वदेशी ड्रोन शामिल होंगे। ड्रोन शो रायसीना पहाड़ियों पर शाम में आकाश को रोशन करेगा। बता दें कि यह ड्रोन शो स्टार्टअप, इकोसिस्टम की सफलता, देश के युवाओं के तकनीकी कौशल को दर्शाएगा।

6) ‘बीटिंग रिट्रीट’ चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह के औपचारिक अंत का प्रतीक है। इस कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ की सदाबहार धुन के साथ होगा।

7) समारोह के मुख्य संचालक फ्लाइट लेफ्टिनेंट लीमापोकपम रूपचंद्र सिंह हैं। जबकि सूबेदार दिग्गर सिंह आर्मी बैंड का नेतृत्व कर रहे हैं, नौसेना और वायु सेना के बैंड कमांडर एम एंथोनी राज और वारंट ऑफिसर अशोक कुमार हैं। राज्य पुलिस और सीएपीएफ बैंड के कंडक्टर सहायक उप निरीक्षक प्रेम सिंह हैं।

8) ‘बीटिंग रिट्रीट’ समारोह 1950 के दशक की शुरुआत में इसकी उत्पत्ति हुई, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने बड़े पैमाने पर बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठे समारोह को स्वदेशी रूप से पेश किया। यह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा को दर्शाता है, जब सैनिकों ने लड़ना बंद कर दिया, अपने हथियारों को म्यान में रख लिया और युद्ध के मैदान से हट गए और रिट्रीट की आवाज पर सूर्यास्त के समय शिविरों में लौट आए। तब रंगों और मानकों को कवर किया गया और झंडे उतारे गए। यह समारोह गुजरे हुए समय के लिए उदासीनता पैदा करता है।

9) बता दें कि शनिवार को पीएम मोदी ने नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) द्वारा मार्च-पास्ट की समीक्षा की थी, जिसमें उन्होंने 75 रुपये का विशेष स्मारक कॉई ईयर भी जारी किया।

10) पिछले 8 वर्षों में, अब पुलिस और अर्धसैनिक बलों में बेटियों की संख्या में दो गुना वृद्धि हुई है। बता दें कि इस समरोह में सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं में, महिलाओं को फ्रंटलाइन पर तैनात किया जा रहा है।

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