पटना, मुजफ्फरपुर, सारण, भोजपुर, गया समेत अन्य ज़िलों में फैला वायरल बुखार का भयंकर प्रकोप… 

बिहार में इस बार वायरल बुखार का भयंकर प्रकोप देखने को मिल रहा है। पटना, मुजफ्फरपुर, सारण, भोजपुर, गया, नवादा, औरंगाबाद, गोपालगंज, सीवान, नवादा और नालंदा समेत कई जिलों के लोगों में इसका प्रकोप होने की शिकायतें मिल रही हैं। खासकर बच्चे इससे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। मरीजों को तेज बुखार के साथ उल्टी और पेट दर्द की शिकायत है। इस बीमारी का फैलाव अधिक नहीं हो, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के अस्पतालों को पूरी तैयारी रखने को कहा है। 

विभागीय अधिकारियों के अनुसार पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में राज्य के कई सिविल सर्जनों ने वायरल बुखार के मामले अधिक आने की बात बताई। समीक्षा के दौरान पाया गया कि कुछ जिलों में इस तरह के मरीजों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। सिविल सर्जनों ने विभाग को बताया कि सभी जिलों में इस तरह के मामले देखने को मिल रहे हैं। कुछ जिले में कम तो कहीं अधिक मामले हैं। अचानक से इस तरह के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने पर विभाग ने आवश्यक तैयारी करने का निर्देश जिलों को दिया है। 

राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिलों को कहा है कि अस्पतालों में इस बीमारी से संबंधित पर्याप्त दवा रखी जाए। दवा की किल्लत हो तो अविलंब उसकी मांग की जाए। बच्चों के लिए सदर अस्पतालों में विशेष नवजात इकाई को हर हाल में तैयार रखा जाए। जरूरत हो तो बेड की संख्या बढ़ा लें। संबंधित इलाके में जागरूकता अभियान भी चलाने को कहा गया है। बच्चों को किसी भी कीमत पर भूखा नहीं सोने देने को कहा गया है। अस्पतालों में इस बीमारी की चपेट में आए मरीजों को उपचार करने को कहा गया है। निचली इकाइयों में अगर चिकित्सकों को लगता है कि वे संबंधित मरीज का उपचार करने में सक्षम नहीं हैं तो उसे सदर अस्पताल में रेफर करने को कहा गया है। मरीजों के उपचार के क्रम में इस बीमारी से जुड़े सभी लक्षण भी रिकॉर्ड करने को कहा गया है ताकि संबंधित इलाकों में आवश्यक कार्रवाई की जाए।

कहर बरपा रहा वायरल बुखार, ठीक होने में लग रहे कई दिन

वायरल सर्दी-खांसी और बुखार इन दिनों कहर बरपा रहा है। अस्पतालों में इन वायरल बीमारियों से पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों के ओपीडी और मोहल्लों के क्लीनिकों में बड़ी संख्या में लोग लंबी खांसी और बुखार से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि बुखार और खांसी 10 से 12 दिनों तक ठीक नहीं हो रही है। दवा खाने के बाद भी दोबारा बुखार हो जा रहा है। दूसरी ओर चिकित्सकों का कहना है कि वायरल पहले की तुलना में ज्यादा घातक असर दिखा रहा है। पहले जहां तीन-चार दिनों में वायरल पीड़ित ठीक हो जाते थे, वहीं इस बार 10 से 12 दिन लग जा रहा है। शहर के अस्पतालों में पड़ताल करने पर जानकारी मिली की वायरल पीड़ितों की संख्या में 35 से 40 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है।

बरतें ये सावधानियां

न्यू गार्डिनर रोड के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा, पीएमसीएच के डॉ. पीएन झा ने बताया कि वायरल बीमारियां संक्रमित के संपर्क में आने से ही होती हैं। ऐेसे में मास्क ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय है। इसके साथ ही नियमित व्यायाम, योग-प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने से वायरल बीमारियों का शरीर पर असर कम होता है।

वायरल फीवर एक तरह का संक्रामक रोग है। बदलते मौसम के साथ ही गंदगी के कारण अक्सर लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए सबसे पहले लोगों को स्वस्थ वातावरण मिलना जरूरी है। लोगों के रहने वाले स्थल पर साफ-सफाई का ध्यान रखा जाना चाहिए। सिविल सर्जन को निगम प्रशासन से मिलकर फॉगिग कराने को कहा गया है। इसके लिए जल्द ही जिलाधिकारियों को भी पत्र भेजा जाएगा। गांवों में इस बीमारी का फैलाव अधिक नहीं हो, इसके लिए आशा की भी सहायता ली जाएगी। लोगों को बीमारी का लक्षण बताने के साथ ही अपील की जाएगी कि वे अविलंब अस्पताल पहुंचे।

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