जानें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एससीओ में क्या कुछ कहा…

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से आग्रह किया है कि न्यायिक प्रणाली को आम आदमी तक पहुंच वाला बनाने के लिए आपस में न्यायिक सहयोग करें। समापन सत्र में सदस्य देशों ने संयुक्त बयान में बताया कि अगले साल 2024 में उज्बेकिस्तान में अगला सम्मेलन होगा।

अदालती प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आपनाना होगा नई प्रणाली

एससीओ सदस्य देशों के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के 18वें सम्मेलन की मेजबानी के समापन अवसर पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालती प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाने के लिए सदस्य देशों को मिलजुलकर नई प्रणालियों को अपनाना होगा।

आपसी सहयोग जरूरी

उन्होंने एससीओ सदस्य देशों में न्यायिक प्रणाली के सामने आने वाली कई चुनौतियों पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे सम्मेलन ने सभी सदस्य और पर्यवेक्षक देशों को उन चुनौतियों पर विचार करने की अनुमति दी जो उनके अधिकार क्षेत्र के लिए आम हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन मुद्दों का हल आपसी सहयोग से निकालना चाहिए। आपके न्यायिक क्षेत्रों में जो समान चुनौतियां हैं, उन्हें आपसी सहयोग और अनुभव साझा करके सुलझाना चाहिए।

समापन कार्यक्रम के बाद जारी हुआ संयुक्त वक्तव्य

नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय समापन कार्यक्रम में एक संयुक्त वक्तव्य में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका के भविष्य के लिए संबंधित देश विभिन्न लक्ष्यों को हासिल करने पर सहमत हो गए है। सदस्य देशों ने अपनी न्यायिक प्रणाली और चुनौतियों को साझा किया। एससीओ सदस्य देशों में चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।

दो दिनों तक चली बैठक

मालूम हो कि एससीओ सदस्य देशों के बीच प्रभावी न्यायिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 10-11 मार्च को प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में नई दिल्ली में दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई थी।

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