कठिन प्रशिक्षण के बाद ITBP की मुख्यधारा में शामिल हुए 38 सहायक कमांडेंट

मसूरी। 24 सप्ताह के कठिन एवं कठोर प्रशिक्षण के बाद 38 युवा डाक्टर सहायक कमांडेंट (चिकित्सा अधिकारी) के रूप में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की मुख्यधारा में शामिल हुए। इस अवसर पर आइटीबीपी अकादमी के परेड ग्राउंड में भव्य पासिंग आउट परेड आयोजित की गई, जिसमें इन प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज एवं बल ध्वज के नीचे शपथ ग्रहण की और खुद को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। इस बैच में केरल राज्य से सात, आंध्र प्रदेश के छह, पंजाब के छह, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तीन तीन, हरियाणा के दो, दिल्ली के दो और झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू एवं कश्मीर, तमिलनाडू, बिहार एव मध्य प्रदेश के एक एक चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं।

अपने कठिन प्रशिक्षण के दौरान इन अधिकारियों को विभिन्न सैन्य और पुलिस से संबंधित विषयों जैसे कि युद्ध-कौशल, हथियार प्रशिक्षण, शारीरिक प्रशिक्षण, आसूचना, फील्ड इंजीनियरिंग, मानचित्र अध्ययन, सैन्य प्रशासन कानून और मानवाधिकर में प्रशिक्षित किया गया, जिसमें ये अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने के लिए एक सक्षम युद्धक चिकित्सा अधिकारी के रूप मै विकसित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण के बीच में ही इन चिकित्सा अधिकारियों को सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर, नई दिल्ली में कोविड-19 ड्यूटी के लिए भी तैनात किया गया था। इन चिकित्सा अधिकारियों ने उस कठिन समय में अथक परिश्रम किया है और अत्यधिक तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने का बहुमूल्य अनुभव प्राप्त कर वापिस अकादमी में अपना शेष प्रशिक्षण पूर्ण करने के लिए लौटे। इस उत्कृष्ठ सेवा के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों को महानिदेशक के प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न से सम्मानित किया गया है, जो स्वतः ही स्वयं के लिए गौरवान्वित करने का पुरस्कार है।

आइटीपीबी के महानिदेशक संजय अरोरा ने मुख्य अतिथि के रूप में परेड की सलामी ली एवं परेड की औपचारिक समीक्षा की। महानिदेशक ने पूर्व में आइटीबीपी अकादमी मसूरी में भी कमांडेंट (प्रशिक्षण) के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की है। अपने संबोधन में उन्‍होंने इन शपथग्रहणकर्ता अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने युवा अधिकारियों को आइटीबीपी बल के गौरवशाली इतिहास और अनुशासन के उच्च मानकों के बारे में स्मरण करवाया। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी की तैनाती 19 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित सीमा चौकियों के अत्यंत कठिन क्षेत्र में किया जाता है, जहां तापमान माइनस 45 डिग्री तक गिर जाता है। हिमालय में ऊंचाई वाली सीमाओं की रक्षा के अलावा, बल सर्व शक्तिमान और सर्वव्यापी है, चाहे वह आंतरिक सुरक्षा हो, आपदा प्रबंधन हो या कोई अन्य ड्युटी, आइटीबीपी बल ने हमेशा उम्मीदों से परे कार्य को निष्ठा से पूर्ण किया है। उन्होंने विभिन्न विषयों में सर्वश्रेष्ठ चुने गए प्रशिक्षु अधिकारी को भी बधाई दी और उन्हें विजेता ट्राफियों से सम्मानित किया।

इस अवसर पर नीलाभ किशोर, भापुसे. महानिरीक्षक/निदेशक भातिसीपु अकादमी ने अतिथियों, भातिसीपु बल एवं अन्य बलों के सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारियों, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों, विशिष्ट जन प्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। अपने संबोधन में महानिरीक्षक महोदय ने कहा कि भातिसीपु अकादमी, इसके प्रशिक्षको प्रशिक्षुओं एवं महानिदेशालय के योगदान से यह प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूर्ण हुआ है। उन्होंने मुख्य अतिथि को आश्वासन दिया कि इन युवा अधिकारियों को गहनता एवं निष्ठापूर्वक प्रशिक्षित किया गया है और आज की पासिंग आउट परेड के बाद ये युवा अधिकारी जहां भी तैनात होंगे, अपनी सर्वश्रेष्ठ और निस्वार्थ सेवा देने योग्य हैं।

अंत में ब्रिगेडियर (डा.) राम निवास, उप-महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) ने परेड में उपस्थित होने के लिए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और नए अधिकारियों का मनोबल बढ़ाया। इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए सभी अतिथियों और प्रशिक्षुओं के माता-पिता को धन्यवाद किया। इसके अलावा, उन्होंने इस आधार प्रशिक्षण कोर्स के दौरान इन उत्तीर्ण अधिकारियों को दिए गए प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी प्रकाश डाला और प्रशिक्षण के स्तर को हमेशा की तरह उच्च रखने के लिए अकादमी की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

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