आज हम आपको बताते है की कैसे करें ताजे खजूर की पहचान…

दुनियाभर में रमजान (Ramadan) की शुरुआत हो चुकी है। रमजान के इस पाक महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग 30 दिन तक रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान में एक खास फूड को खाकर मुस्लिम लोग अपना रोजा खोलते हैं। जी हां, और ये खास फूड खजूर होता है। खजूर में कैलोरी, आयरन, विटामिन, कार्ब्स, फाइबर, प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और कॉपर की प्रचूर मात्रा मौजूद होती है। जो शरीर को ताकत देने के साथ कमजोरी जैसे लक्षण दूर करते हैं। 

खजूर खाकर ही क्यों खोला जाता है रोजा?
सूर्यास्त के बाद इफ्तारी के समय मुस्लिम लोग खजूर खाकर अपना रोजा खोलते हैं। माना जाता है कि इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब  का पसंदीदा फल खजूर था। वो भी अपना रोजा खजूर खाकर ही खोलते थे। जिसके बाद मुस्लिम लोग आज भी इस परंपरा को निभा रहे हैं। खजूर खाकर रोजा खोलने के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़े कारण भी हैं। आइए जानते हैं रोजे के दौरान खजूर खाने से सेहत को मिलते हैं क्या फायदे और कितनी मात्रा में खाना सही। 

कैसे करें ताजे खजूर की पहचान? 
ताजे खजूर की पहचान करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसकी त्वचा को देखें। ध्यान रखें, ताजे खजूर की स्किन एकदम फ्रेश नजर आती है। लेकिन जब यह सूखने लगता है तो इसकी ऊपरी परत पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। सूखे खजूर में ताजे खजूर की तुलना में शुगर की मात्रा अधिक होती है। जिससे कई लोगों को नुकसान हो सकता है। 

कितनी मात्रा में खाएं खजूर?
शुरूआत में 2 खजूर खा सकते हैं। अगर आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं और आपका डाइजेशन अच्‍छा है तो रोजाना 4 खजूर का सेवन कर सकते हैं।

खजूर को भिगोकर क्यों खाना चाहिए?
खजूर भिगोकर खाने से उनमें मौजूद टैनिन / फाइटिक एसिड निकल जाता है जिसकी वजह से शरीर को उसमें मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित करना आसान हो जाता है।

खजूर खाने से मिलते हैं ये फायदे-  
बेहतर डाइजेशन-

खजूर का नियमित सेवन करने से पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। खजूर में मौजूद फाइबर डाइजेशन बेहतर करके कब्ज की समस्या दूर करता है। 

दिमागी सेहत के लिए-
ब्रेन हेल्थ के लिए भी खजूर काफी फायदेमंद माना गया है। इसमें मौजूद विटामिन बी और कोलीन स्मरण शक्ति और सीखने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं। 

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency