जानें फिल्म कुरुप पर केरल उच्च न्यायालय ने क्या कहा…

फिल्म कुरुप के रिलीज को रोकने के लिए केरल उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने माना है कि केवल इसलिए कि कहानी एक घोषित अपराधी के जीवन से प्रेरित होती है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह उसके जीवन की पूरी कहानी बता रहा है और उसकी निजता के अधिकार का हनन कर रहा है।

हत्या के आरोपी से प्रभावित फिल्म

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति मुरली पुरुषोत्तमन की पीठ ने दुलारे सलमान अभिनीत मलयालम फिल्म ‘कुरुप’ की रिलीज को रोकने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दुलारे सलमान अभिनीत मलयालम फिल्म ‘कुरुप’, एक हत्या के मामले में आरोपी और 1984 से फरार सुकुमार कुरुप के निजता के अधिकार को प्रभावित नहीं करेगी।

फिल्म रिलीज से पहले दायर याचिका

2021 में फिल्म की रिलीज से तीन दिन पहले एक वकील द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि फिल्म की रिलीज से घोषित अपराधी कुरुप के निजता के अधिकार पर असर पड़ेगा। याचिकाकर्ता ने कुरुप जैसे घोषित अपराधियों के निजता अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने की भी मांग की थी।

निजता का अधिकारी नहीं हुआ प्रभावित

इस याचिका की सुनवाई के दौरान किसी भी राहत को देने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा, “सार्वजनिक रिकॉर्ड और सार्वजनिक डोमेन में निर्णय किसी भी व्यक्ति द्वारा एक्सेस किए जा सकते हैं।

कोर्ट ने कहा, “यह अदालत 5वें प्रतिवादी (फिल्म निर्माताओं में से एक) की दलील से सहमत है कि कहानी एक घोषित अपराधी की जीवन से प्रेरित है, इसका मतलब यह नहीं है कि कहानी पूरी तरह से उस व्यक्ति की जीवन कहानी है और उस कहानी का प्रकाशन उस व्यक्ति विशेष के निजता के अधिकार को प्रभावित करेगा।”

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