UP विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव से पहले बसपा के छह और भाजपा के एक विधायक सपा में हुए शामिल

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जोरदार टक्कर देने के लिए समाजवादी पार्टी कुनबा बढ़ाओ अभियान में तेजी से लगी है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसी के तहत शनिवार को सात विधायकों को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई।

उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से बगावत करने वाले सीतापुर सदर के विधायक राकेश राठौर के साथ ही बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित सात विधायकों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित विधायक सुषमा पटेल, हरगोविंद भार्गव, असलम चौधरी,असलम राइनी, हाकिम लाल बिन्द व मुज्तबा सिद्दीकी ने शनिवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का एलान किया।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में भाजपा के एक तथा बसपा के छह विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सीतापुर सदर से भाजपा के विधायक राकेश राठौर, श्रावस्ती से बसपा के विधायक असलम राइनी, हापुड़ से बसपा के विधायक असलम अली चौधरी, प्रयागराज के प्रतापपुर से बसपा के विधायक मुजतबा सिद्दीकी, प्रयागराज के हंडिया से बसपा विधायक हाकिम लाल बिंद, सीतापुर के सिधौली से बसपा के विधायक हरगोविंद तथा जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से बसपा की विधायक सुषमा पटेल ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

बसपा विधायक असलम राइनी ने कहा कि हम छह विधायकों ने एक वर्ष पहले ही सूंघ लिया था कि आने वाला समय समाजवादी पार्टी का है। हम छह विधायकों के आने से समाजवादी पार्टी की सूनामी चलेगी। उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में यह सातों विधायक सबसे ऊपर रहेंगे। हमको इतना सम्मान किसी ने नहीं दिया जितना अखिलेश यादव ने दिया।

समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाली सुषमा पटेल ने कहा कि हमको बिना कुछ सोचे समझे बसपा से निलंबित किया गया। अखिलेश यादव को प्रदेश की सबसे ऊपर की कुर्सी पर बैठाने के हम संकलिप्त हैं। हापुड़ से विधायक असलम अली ने कहा कि प्रदेश की जरूरत अखिलेश यादव हैं। उन्होंने हमेशा ही युवा, मजदूर व किसान का दर्द समझा है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदल जारी है। प्रदेश में शनिवार को बसपा को बड़ा झटका लगा है। इसके छह बर्खास्त विधायक आज हाथी को छोड़कर समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए। इनके साथ भारतीय जनता पार्टी के बागी विधायक भी समाजवादी पार्टी के साथ हो गए। भाजपा के विधायक राकेश राठौर पार्टी की नीतियों के मुखर आलोचक हैं।

समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में इन सभी विधायकों ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता लेने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सभी माननीय विधायकों का समाजवादी पार्टी में बहुत-बहुत स्वागत एवं धन्यवाद।। आने वाले समय में हमारी सरकार बनने जा रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस अवसर पर कहा कि सीतापुर सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक राकेश राठौर के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा बदल देंगे। अब ‘मेरा परिवार ,भाजपा परिवार’ की जगह नारा बदल के नाम होगा ‘मेरा परिवार-भागता परिवार’ रख देंगे। उन्होंने कहा कि जनता इतनी दुखी है कि आने वाले चुनाव में भाजपा का सफाया होगा। भाजपा परिवार भागता परिवार दिखाई देगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में वादा किया गया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए निश्चित रोडमैप तैयार किया जाएगा। हाल यह है कि धान तैयार है बिकने के लिए किसान का, लेकिन भाजपा सरकार में जो कीमत तय की गई थी वह किसान को नहीं मिल रही है। यह वादा आज तक अधूरा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 2017 में अपना लोक कल्याण संकल्प पत्र बनाया और सरकार बनने के बाद उसे कूड़ेदान में फेंक दिया।

बसपा बोली विधायकों के जाने से नहीं पड़ेगा फर्क

बसपा छोड़कर सपा में शामिल हाजी मुजतबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, सुषमा पटेल, असलम चौधरी, हरगोविंद भार्गव और असलम राईनी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीएसपी से बगावत कर सपा का साथ दिया था। इनको लेकर बसपा पहले ही कह चुकी है इन बागी विधायकों के जाने से कोई फर्क नही पड़ता। इन सभी विधायकों को बसपा से निष्काषित किया जा चुका है। इनके रहने से पार्टी को नुकसान पहुंच रहा था।

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