लविप्रा मास्टर प्लान तहत से विपरीत होने वाले निर्माण पर नजर रखेगी जीआइएस….

लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) मास्टर प्लान तहत से विपरीत होने वाले निर्माण पर जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआइएस) नजर रखेगी। इस पर एलडीए ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। इसका मकसद है कि लैंड यूज के हिसाब से शहर में विकास कार्य हो। लखनऊ क्षेत्र के लैंड आडिट को संकलित कराकर जीआइएस डाटा सुरक्षित करते हुए सुपर इम्पोजीशन की कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। लविप्रा की जमीन, नजूल सहित अवैध निर्माणों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। 22 अक्टूबर को हुई मीटिंग के बाद इसमें दीपावली बाद कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। 

उद्देश्य है कि लविप्रा के अंतर्गत आने वाले सात जोन इस पर फोकस करा जा सकता है। लविप्रा सचिव पवन कुमार गंगवार ने संबंधित अफसरों से इस विषय में जानकारी मांगी और घनी आबादी में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर कार्यवाही के निर्देश दिए। नजूल, अर्बन सीलिंग, गार्डन लीज पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाने के लिए जोनल अफसरों को निर्देशित किया गया है। साथ ही प्राधिकरण हित में उसके निरंतर उपयोग में लाने के लिए एक कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा गया है। सचिव ने कहा कि जिस संस्था द्वारा मास्टर प्लान, सजरा तथा सैटेलाइट इमेज का कार्य किया जा रहा है, उसे शीघ्र पूर्ण करते हुए लैंड चेंज डिटेक्शन यानी (भूति परिवर्तन) उपयोगी बनाने के लिए भी तैयार करें। इससे लखनऊ विकास क्षेत्र में हो रहे वैध तथा अवैध निर्माण पर नजर रखी जा सकती है। 

फ्लोर एरिया रेसियो से ज्यादा निर्माण पर कार्रवाई तयः लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि अगर अपार्टमेंट का नक्शा पास है और निर्धारित फ्लोर एरिया रेसिया (एफएआर) से ज्यादा निर्माण किया गया है तो कार्रवाई जोनल अफसरों द्वारा सुनिश्चित कराई जाए। ऐसा न करने पर संबंधित अवर अभियंता से लेकर जोनल अफसर की जिम्मेदारी तय की जाएगी और संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी। 

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