वायु प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के लिए उप्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एक बार फिर आइआइटी से मांगी मदद

कानपुर शहर में वायु प्रदूषण के कारणों का पता लगाने के लिए उप्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एक बार फिर आइआइटी से मदद मांगी है। आइआइटी के वैज्ञानिकों की टीम ने इस संबंध में शोध और डाटा कलेक्शन शुरू कर दिया है। जल्द ही टीम अपनी रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी। इसके आधार पर अन्य विभागों के सहयोग से प्रदूषण की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

पिछले वर्ष गर्मी में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आइआइटी से शहर में प्रदूषण पर शोध कराया था। इसमें वैज्ञानिकों की टीम ने चार किलोमीटर परिधि के क्षेत्रफल के हिसाब से शहर को 174 ग्रिड में बांटकर प्रदूषण को मापा था और उसके कारणों के बारे में विभाग को रिपोर्ट सौंपी थी। अब फिर सर्दी के मौसम में प्रदूषण बढऩे पर फिर से आइआइटी की मदद से शोध कराया जा रहा है।

आइआइटी के सूत्रों ने बताया कि इस बार प्रदूषण के विभिन्न कारकों निर्माण कार्यों, वाहनों से निकलने वाले धुएं, धूल, सालिड वेस्ट बर्निंग, औद्योगिक उत्सर्जन आदि से हो रहे प्रदूषण का आकलन किया जा रहा है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि आइआइटी की ओर से स्टडी पूरी होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभागों से सामंजस्य स्थापित करके वायु प्रदूषण के कारकों को दूर करने की कोशिश की जाएगी।

दिल्ली के प्रदूषण के संबंध में भी हो रही जांच

आइआइटी ने दिल्ली के वायु प्रदूषण की जांच के लिए दिल्ली सरकार के साथ भी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के कारण व निवारण का पता लगाया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने इस बाबत रिपोर्ट मांगी है।

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