चोकसी ने ED द्वारा शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए किया HC का रुख

पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपित कारोबारी मेहुल चोकसी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए शुरू की गई कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए बांबे हाई कोर्ट का रुख किया है। चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ 14,500 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। उसने वरिष्ठ वकील विजय अग्रवाल के जरिये हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

ईडी ने 2019 में पीएमएलए अदालत को एक आवेदन दिया था। अपने आवेदन में एजेंसी ने चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का अनुरोध किया था। कानून के मुताबिक यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ 100 करोड़ रुपये या इससे अधिक के अपराध में वारंट जारी हो गया है और वह देश छोड़ चुका है तथा लौटने से इन्कार कर रहा है तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है।

चोकसी ने अपने आवेदन में कहा है कि उसे भगोड़ा घोषित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उसने आपराधिक अभियोजन से बचने के लिए भारत नहीं छोड़ा था। उसने कहा है कि वह अपने खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने से पहले ही देश छोड़कर जा चुका था।

चोकसी ने कहा कि जुलाई 2021 में उसे डोमिनिका की एक अदालत ने जमानत देते हुए कहा कि वह अपने इलाज के लिए एंटीगुआ और बारबुडा की यात्रा कर सकता है। लेकिन विशेष पीएमएलए अदालत में मामला लंबित रहने के चलते उसे यात्रा में कठिनाई हो रही है।

चोकसी के वकील अग्रवाल ने न्यायमूर्ति एस के शिंदे की अध्यक्षता वाली एकल पीठ को बताया कि डोमिनिका अदालत ने भारतीय अधिकारियों की उपस्थिति में चिकित्सा उपचार के लिए यात्रा करने की अनुमति देने का आदेश पारित किया था। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अधिकारियों के लिए यह तर्क देना अनुचित है कि चोकसी जानबूझकर भारत लौटने से इनकार कर रहे हैं।

वहीं, ईडी की ओर से पेश हुए वकील हितेन वेनेगाओकर ने चोकसी के आवेदन का विरोध किया और विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए मामले को आगे की सुनवाई के लिए 21 दिसंबर के लिए टाल दी है।

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