गुरुवार के दिन करें देवताओं के गुरु बृहस्पति को ऐसे करें प्रसन्न

भगवान बृहस्पति भगवान विष्णु के ही रूप हैं। ऐसे में गुरुवार का दिन विष्णु जी के साथ-साथ बृहस्पति देव को भी समर्पित माना जाता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति को देवगुरू कहा जाता है और उन्हें ज्ञान का कारक माना जाता है। जिस व्यक्ति की जन्म कुण्डली में गुरू बलवान होते हैं, उन्हें जीवन में विशेष लाभ देखने को मिल सकता है। ऐसे में आप गुरुवार के दिन इस प्रकार बृहस्पति देव को प्रसन्न कर सकते हैं।

प्राप्त होगी विशेष कृपा
हर गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा करनी चाहिए हैं। इसके लिए गुरुवार के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करें और पूरे परिवार के साथ गुरुवार की आरती करें। इसके बाद चने की दाल, हल्दी, पीले वस्त्र और बेसन के लड्डू आदि ब्राह्मण को दान करें। इसके साथ ही केले के वृक्ष पर हल्दी मिलाकर जल अर्पित करें। ऐसा करने से गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और साधक को धन और सुख प्रदान करते हैं।

बृहस्पति देव की आरती
ओम जय बृहस्पति देवा, जय जय बृहस्पति देवा।

छिन-छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

तुम पूर्ण परमात्मा, तुम अंतर्यामी।

जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।

सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण धरे।

प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।

पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

सकल मनोरथ दायक, सब संशय टारो।

विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी।।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

जो कोई आरती तेरी प्रेम सहित गावे। हे गुरु मन को लगाके गावे।

कष्ट हरो तुम उनके, मन इच्छित फल पावे।

ओम जय बृहस्पति देवा।। प्रभु जय बृहस्पति देवा।

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