कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ने भारत में मचाया आतंक ,स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन समेत कई देश’जोखिम’वाली श्रेणी में रखा

दक्षिण अफ्रीका में मिले कोराना वायरस के नए वैरिएट को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इजरायल को कोरोना के ‘जोखिम’ वाले देशों की श्रेणी में रखा है। जोखिम श्रेणी वाले देशों के साथ यदि भारत का एयर बबल समझौता है, तो उड़ानें उसी के तहत संचालित होंगी। यदि एयर बबल समझौता नहीं है, तो 50 फीसदी उड़ानों का ही संचालन होगा।

देश में पिछले लगभग 20 महीनों से बंद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 दिसंबर से नियमित रूप से शुरू हो जाएंगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को पत्र लिख कहा है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को नियमित करने के लिए ‘आगे की आवश्यक कार्रवाई’ शुरू करें। इसमें जोखिम नहीं’ श्रेणी वाले देशों को पूरी क्षमता से उड़ान संचालन की अनुमति मिलेगी।  कोरोना महामारी के कारण पिछले साल 23 मार्च से नियमित उड़ानें बंद हैं।

उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से परामर्श लेने के बाद यह फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन देशों को कोरोना के संबंध में ‘जोखिम नहीं’ श्रेणी में रखा है, उन्हें द्विपक्षीय हवाई सेवा समझौतों के अनुसार पूर्ण क्षमता से हवाई संचालन का अधिकार मिलेगा। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण पिछले साल 23 मार्च से देश में नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। हालांकि, एयर बबल व्यवस्था के तहत पिछले साल जुलाई से 28 देशों के साथ विशेष उड़ानें संचालित हो रही हैं।

इस संबंध में इंडिया, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइआइएटीए) के कंट्री डायरेक्टर अमिताभ खोसला ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को की गई घोषणा दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ भारत की एयर कनेक्टिविटी को सामान्य करने की दिशा में एक सकारात्मक और स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इससे अंतत: एयर बबल के प्रतिबंध को हटा दिया जाएगा, जिससे यात्रियों को भारत से सुरक्षित रूप से यात्रा करने की अनुमति मिल जाएगी। आइआइएटीए एक वैश्विक एयरलाइन निकाय है, जिसमें लगभग 290 सदस्य हैं। इसमें वैश्विक हवाई यातायात का 83 हिस्सा प्रतिशत शामिल है।

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