वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग

हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस वर्ष 14 मई को गंगा सप्तमी है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुई हैं। इस दिन आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तित करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव मेष राशि में विराजमान हैं और 14 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन से राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषियों की मानें तो वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। आइए, योग के बारे में जानते हैं-

सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिष गणना के अनुसार, सूर्य देव 14 मई को संध्याकाल 05 बजकर 53 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, 15 जून को देर रात 12 बजकर 27 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन पुण्य काल शाम 06 बजकर 04 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से शाम 06 बजकर 04 मिनट तक है।

योग
ज्योतिषियों की मानें तो वृषभ संक्रांति पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 27 मिनट से हो रहा है। वृद्धि योग दिन भर है। वहीं, रवि योग का निर्माण सुबह 05 बजकर 31 मिनट से हो रहा है, जो दोपहर 01 बजकर 05 मिनट तक है। इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जो अगले दिन यानी 15 मई को सुबह 05 बजकर 31 मिनट तक है। जबकि, वृषभ संक्रांति पर गर और वणिज करण का संयोग बन रहा है। गर करण का योग दोपहर 03 बजकर 29 मिनट तक है और वणिज करण का योग 15 मई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट तक है।

Related Articles

Back to top button