रडार स्पीड गन लगाएगी वाहनों की रफ्तार पर लगाम, सरकार बनाएगी नए नियम

तेज रफ्तार में वाहन चलाने वालों पर लगाम कसने के लिए आए दिन नए-नए यातायात नियम बनते हैं। लेकिन इसके बाद भी रोजाना स्पीड ब्रेकर तोड़ने की खबरें आती हैं। हालांकि अब तेज रफ्तार में वाहन चलाने वालों पर सरकार लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने सड़कों पर वाहनों की गति मापने में उपयोग होने वाले माइक्रोवेव डापलर रडार उपकरण के लिए नियमों के मसौदे पर लोगों से सुझाव मांगे हैं।

तेज गति पर लगेगा नियंत्रण
मसौदे में कहा गया है कि अंतिम रूप से नियम अधिसूचित होने के बाद स्थापित रडार उपकरणों को एक वर्ष के भीतर सत्यापित करने की जरूरत होगी। लोगों से इस बारे में 11 जून तक सुझाव मांगे गए हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि फिर से प्रमाणन की जरूरत होने पर मौजूदा स्थापित उपकरणों को भी सत्यापित किया जाना चाहिए।

ऐसे रडार उपकरण जो पहले से लगे हैं और जिनका फिर से सत्यापन होना है अथवा अगले वर्ष के भीतर होना है, उन्हें नए नियम लागू होने के एक वर्ष के भीतर सत्यापित किया जाना चाहिए। यदि गति माप परिणामों का उपयोग कानूनी कार्यवाहीं में किया जाना है, नियम के तहत जो शर्तें निर्धारित होती हैं, उन्हें रडार उपकरण को पूरा करना होगा। ड्राफ्टिंग नियमों में कहा गया है कि ट्रैफिक रूल्स की सूचना देने के बाद माइक्रोवेव डॉपलर रडार उपकरणों पर एक साल के भीतर मुहर लग जाएगी और ये वेरिफाई भी हो जाएंगे।

क्या होती है स्पीड रडार गन
स्पीड रडार गन का इस्तेमाल मूव कर रही चीजों की गति को मापने के लिए किया जाता है। आमतौर पर इसका उपकरण का इस्तेमाल ट्रैफिक पुलिस के द्वारा किया जाता है। इसे क्रिकेट मैच के दौरान बॉल की स्पीड मापने के लिए भी किया जाता है। अगर वाहन 40 से अधिक की स्पीड पर चल रहा होता है तो यह उसकी स्पीड को कैच कर लेता है।

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