शरीर में जिंक की कमी का संकेत हो सकते हैं आम लगने वाले ये लक्षण

हमारे शरीर को सेहतमंद रहने और सही तरीके से काम करने के लिए सभी जरूरी पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर में अलग-अलग कार्य करते हैं और सही विकास और वृद्धि में मदद करते हैं। Zinc इन्हीं जरूरी तत्वों में से एक है, जो एक महत्वपूर्ण मिनरल है, जो शरीर के विभिन्न कार्यों का समर्थन करता है। ऐसे में इसकी कमी (Zinc deficiency) से हमें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए समय रहते इसकी कमी की पहचान कर कई समस्याओं से बचा जा सकता है।

शरीर में जिंक की कमी होने कुछ संकेत नजर आते हैं, जिन्हें आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में आप इन संकेतों से शरीर में जिंक की कमी की पहचान कर सकते हैं।

भूख में कमी
शरीर में जिंक की कमी होने से स्वाद और गंध का सेंस खराब हो सकता है, जिससे भूख कम हो सकती है। यह एक खराब साइकिल की वजह बन सकता है, जिसमें भूख कम लगने से भोजन के जरिए जिंक इनटेक और भी कम हो सकता है।

बार-बार संक्रमण होना
अगर आपको बार-बार इन्फेक्शन हो रहा है, तो यह शरीर मेम जिंक की कमी का संकेत हो सकता है। दरअसल, जिंक की कमी होने पर इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से बार-बार संक्रमण हो सकता है। जिंक इम्यून सेल्स के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसकी कमी होने पर शरीर के लिए बैक्टीरिया और वायरस से लड़ना मुश्किन हो जाता है।

घाव का धीरे-धीरे भरना
जिंक सेल डिविजन और प्रोटीन सिंथसिस के लिए जरूरी है, जो घाव भरने के लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में इसकी कमी से घाव भरने में लंबा समय लग सकता है और घावों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।

त्वचा संबंधी समस्याएं
शरीर में जिंक की कमी होने पर त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे चकत्ते, मुंहासे और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जिंक स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी है और इसकी कमी स्किन सेल्स के सामान्य कार्य और रिपेयरिंग को बाधित कर सकती है।

बालों का झड़ना
सामान्य से ज्यादा बालों का झड़ना भी जिंक की कमी का संकेत हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जिंक की कमी से बाल पतले होते हैं और बाल झड़ने लगते हैं। जिंक डीएनए और आरएनए प्रोडक्शन के लिए महत्वपूर्ण है, जो बालों के पोर्स के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। पर्याप्त जिंक के बिना, बालों का विकास रुक सकता है या बाल समय से पहले झड़ने लगते हैं।

मूड में बदलाव
जिंक का कम स्तर ब्रेन फंक्शन को प्रभावित कर सकता है, जिससे एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे मूड डिसऑर्डर हो सकते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर फंक्शन और हार्मोनल संतुलन में जिंक की अहम भूमिका होती है, जिसकी वजह से इसकी कमी मूड में बदलाव का कारण बनती है।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency