क्‍या है Golden Quadrilateral रूट, भारत के लिए क्‍यों है जरूरी, जानें

भारत में लगातार एक्‍सप्रेस वे और नेशनल हाइवे बेहतर हो रहे हैं। जिसका फायदा सामान ढोने वाले वाहनों सहित पर्यटन और कई क्षेत्रों को मिल रहा है। भारत में स्वर्णिम चतुर्भुज नाम से अलग पहचान रखने वाला मुख्‍य हाइवे है। Golden Quadrilateral या स्वर्णिम चतुर्भुज की कुल दूरी कितनी है और इसकी क्‍या खासियत हैं। हम आपको इस खबर में बता रहे हैं।

कितनी है दूरी
स्वर्णिम चतुर्भुज या Golden Quadrilateral की कुल दूरी 5800 किलोमीटर से ज्‍यादा है। यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी और देश की सबसे बड़ी राजर्मा परियोजना है। इसकी शुरूआत दिल्‍ली से होती है और कोलकाता, चेन्‍नई के बाद मुंबई होती हुई यह फिर से दिल्‍ली आती है। यह इकलौती ऐसी राजमार्ग परियोजना है जिससे देश के चार महानगर आपस में जुड़ जाते हैं। इसलिए यह देश की सबसे महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं ( longest highway project in india) में से एक बन जाती है।

किसकी कितनी दूरी
अगर हम एक महानगर से दूसरे महानगर की दूरी की बात करें, तो इसके जरिए दिल्‍ली से कोलकाता की दूरी 1453 किलोमीटर की है। कोलकाता से चेन्‍नई की दूरी 1684 किलोमीटर, चेन्‍नई से मुंबई की दूरी 1290 किलोमीटर मुंबई से दिल्‍ली की दूरी 1419 किलोमीटर की है। जिसके बाद यह Golden Quadrilateral की कुल दूरी 5846 किलोमीटर की हो जाती है।

क्‍या है खासियत
Golden Quadrilateral को चार और छह लेन का बनाया गया है। जिसपर भारी वाहनों को आसानी से चलाया जा सकता है। यात्रियों के कई जगहों पर रेस्‍टोरेंट, पेट्रोल पंप और अन्‍य सुविधाओं को भी दिया गया है। इसे बनाने में करीब 600 करोड़ रुपये की लागत आई थी और इसे पूरा करने में करीब 11 साल का समय लगा था।

किन शहरों को जोड़ता है
Golden Quadrilateral सिर्फ चार महानगरों को ही नहीं जोड़ता बल्कि इसके जरिए देश के कई महत्‍वपूर्ण शहर भी एक-दूसरे से जुड़ गए हैं। यह राजमार्ग देश के 13 राज्‍यों से गुजरता है, जिसमें दिल्‍ली, हरियाणा, राजस्‍थान, उत्‍तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्‍ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, गुजरात, कर्नाटक शामिल हैं। इसके साथ ही इस राजमार्ग से दिल्‍ली, आगरा, जयपुर, भुवनेश्‍वर, कानपुर, पुणे, बेंगलुरू, कोलकाता, सूरत, विजयवाड़ा, अहमदाबाद जैसे शहर भी आपस में जुड़ जाते हैं।

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