महंगाई थामने में जुटी सरकार, गेहूं का पर्याप्त भंडार

किसानों के बाद केंद्र सरकार का ध्यान अब उपभोक्ताओं पर भी है। खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के एक दिन बाद ही सरकार ने खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने की पहल की है। कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर सरकार की ओर से खुले बाजार में गेहूं उतारा जा सकता है। देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है।

कीमतों की समीक्षा के लिए अमित शाह ने की बैठक

बफर स्टॉक में जरूरत से ज्यादा गेहूं पड़ा है। फिर भी खाद्य वस्तुओं के बढ़ते दामों के बीच अहतियात बरतते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को मूल्यों की समीक्षा के लिए बनाई मंत्रियों की समिति की बैठक हुई, जिसमें गेहूं के बफर स्टॉक औरि बढ़ते मूल्यों की स्थिति पर विस्तार से विमर्श किया गया। जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए पहले से ही कारोबारियों को प्रत्येक सप्ताह स्टॉक की जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया है।

चार लाख टन ज्‍यादा हुई गेहूं की खरीद

अमित शाह ने गेहूं समेत अन्य खाद्य पदार्थों की कीमतों पर कड़ी नजर रखने और उपभोक्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेप करने का निर्देश दिया। केंद्र सरकार ने चालू वर्ष (2024) में 18 जून तक लगभग 266 लाख टन गेहूं की खरीद की है, जबकि पिछले वर्ष (2023) में यह मात्रा 262 लाख टन थी। स्पष्ट है कि पिछली बार की तुलना में इस बार चार लाख टन ज्यादा गेहूं की खरीदारी हो चुकी है।

बफर स्‍टॉक में पर्याप्‍त भंडार उपलब्‍ध

सार्वजनिक वितरण प्रणाली और केंद्र सरकार की अन्य कल्याण योजनाओं के लिए प्रतिवर्ष लगभग 184 लाख टन गेहूं की जरूरत पड़ती है। बफर स्टॉक से इसे पूरा करने के बाद जब भी जरूरत होती है तब बाजार में हस्तक्षेप के लिए सरकार सस्ते दाम पर गेहूं बेचती है। सरकार का कहना है कि बफर स्टॉक में इस बार पर्याप्त भंडार उपलब्ध है।

11.2 करोड़ टन हुआ गेहूं का उत्पादन

रबी वर्ष (2024) में 11.2 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने खरीदारी भी पर्याप्त कर ली है। केंद्र की सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए लगभग 184 लाख टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी, जिसे पूरा करने के बाद भी स्टॉक में काफी मात्रा में अनाज बचा रहेगा। गेहूं का स्टॉक कभी भी मानदंडों के नीचे नहीं गया है। स्टॉक को देखते हुए गेहूं के आयात पर शुल्क संरचना को बदलने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है।

Exit mobile version