योगिनी एकादशी पर विष्णु जी को लगाएं ये भोग

साल में 24 एकादशी तिथि होती हैं। सभी एकादशी का अधिक महत्व है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर योगिनी एकादशी व्रत किया जाता है। इस वर्ष यह एकादशी 02 जुलाई को है। इस खास अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मत है कि ऐसा करने से जातक के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं।

योगिनी एकादशी के भोग (Yogini Ekadashi Ke Bhog)

भोग मंत्र
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

इस मंत्र का अर्थ यह है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका ही दिया हुआ है। जो आपको ही समर्पित कर रहे हैं। कृपा करके मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।

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