योगी सरकार की नई योजना से मखाना खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
नई योजना में मिलेगा किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये अनुदान
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक नई पहल की है, जिसका उद्देश्य मखाना की खेती को बढ़ावा देना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा। यह योजना प्रदेश के 18 जिलों में लागू की गई है, जिनमें मखाना खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और संसाधन उपलब्ध हैं।
मिशन के तहत किसानों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के नवान्मेषी कार्यक्रम के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत की है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में मखाने की खेती को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और किसानों की आय में सुधार लाना है।
उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिनेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि मखाना खेती की अनुमन्य इकाई की लागत 80 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर आंकी गई है। इसमें से सरकार 50 प्रतिशत यानी 40 हजार रुपये का अनुदान प्रदान करेगी।
18 जिलों में योजना लागू
योजना को उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में लागू किया गया है, जिनमें लखनऊ, सीतापुर, सुल्तानपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलिया, कुशीनगर, महाराजगंज, मिर्जापुर, बरेली, अयोध्या और गोरखपुर शामिल हैं। इन जिलों में मखाना उत्पादन के लिए उपयुक्त जलवायु और संसाधन मौजूद हैं, विशेषकर उन इलाकों में जहां तालाब और निचले क्षेत्रों में जलभराव होता है, जो मखाना उत्पादन के लिए अनुकूल माने जाते हैं।
पंजीकरण के बाद मिलेगा अनुदान
योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने संबंधित जिले के उद्यान अधिकारी के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद किसानों को प्रति हेक्टेयर 40 हजार रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
प्रत्येक जनपद में 10 हेक्टेयर में मखाना उत्पादन का लक्ष्य
इस योजना के तहत, सरकार ने प्रत्येक चिन्हित जनपद में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इससे राज्य में कुल 180 हेक्टेयर भूमि पर मखाना की खेती की जाएगी। सरकार का उद्देश्य न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है, बल्कि राज्य में मखाना उत्पादन को भी बढ़ावा देना है, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें।
जलवायु और जलभराव वाले क्षेत्र मखाना खेती के लिए उपयुक्त
राज्य के जिन 18 जिलों में यह योजना लागू की गई है, वहां मखाना उत्पादन के लिए उपयुक्त जलवायु और संसाधन उपलब्ध हैं। इन जिलों में विशेष रूप से तालाबों और निचले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति मखाना खेती के लिए आदर्श मानी जाती है। इस प्रकार की प्राकृतिक परिस्थितियों में मखाना उत्पादन अधिक सफल और लाभदायक साबित हो सकता है।
सरकार की योजना से किसानों को होगा फायदा
इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि मखाना उत्पादन के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। मखाना की खेती में लगने वाली पूंजी का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता होगी। योजना के सफल क्रियान्वयन से रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि की उम्मीद है।