belly fat के कारण महिलाओं में बढ़ता है एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा

मोटापा कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है यह हम जानते ही हैं। लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी इसके और भी गंभीर परिणामों पर रोशनी डालती है। दरअसल, इस स्टडी में पाया गया है कि विसरल फैट महिलाओं में कैंसर के खतरे को तेजी से बढ़ा देता है, खासकर एंडोमेट्रियल कैंसर ।

दरअसल, यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन में पेश की गई इस स्टडी में पाया गया कि विसरल फैट की सिर्फ मात्रा ही नहीं, बल्कि उसकी मेटाबॉलिक एक्टिविटी भी कैंसर का जोखिम बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। इस स्टडी में पाया गया है कि जो विसरल फैट ज्यादा एक्टिव होता है, वह एंडोमेट्रियल कैंसर को बढ़ावा देने और उसे ज्यादा अग्रेसिव बनाता है।

विसरल फैट कैंसर का खतरा क्यों बढ़ाता है?
विसरल फैट सिर्फ चर्बी का जमाव नहीं है; यह एक एक्टिव बॉडी ऑर्गन की तरह काम करता है जो शरीर में हार्मोन और इंफ्लेमेटरी मार्कर्स को छोड़ता है।

हार्मोनल असंतुलन- विसरल फैट शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है। एंडोमेट्रियल कैंसर अक्सर एस्ट्रोजन के बिना किसी रेजिस्टेंस, जैसे- प्रोजेस्टेरोन के लगातार संपर्क में आने से होता है। इसके कारण यूटेरस की अंदरूनी परत तेजी से बढ़ने लगती है, जिससे कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

क्रोनिक इंफ्लेमेशन- यह फैट ऐसे केमिकल छोड़ता है जो शरीर में लगातार सूजन पैदा करते हैं। यह सूजन सेल्स के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती है और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

इंसुलिन रेजिस्टेंस- विसरल फैट शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम कर देता है। इससे ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। हाई इंसुलिन भी एंडोमेट्रियल सेल्स बढ़ने को बढ़ावा देकर कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।

कैसे करें एंडोमेट्रियल कैंसर की पहचान?
वेजाइना से अनियमित या असामान्य ब्लीडिंग- मेनोपॉज के बाद कोई भी ब्लीडिंग या स्पॉटिंग एंडोमेट्रियल कैंसर का सबसे बड़ा संकेत है।

पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग- पीरियड्स के बीच के दिनों में स्पॉटिंग या ब्लीडिंग होना।
हैवी पीरियड फ्लो- पीरियड्स में अचानक हैवी ब्लीडिंग हो जाना या उनकी अवधि बढ़ जाना।
पेल्विक में दर्द- पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द या ऐंठन महसूस होना।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency