मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती को करना है प्रसन्न तो इस माला से करें जाप

हर किसी के पूजा-पाठ के अपने अपने नियम हैं। पूजा पाठ का जिंदगी में अपना ही प्रभाव होता है। हमेशा से ही पूजा पाठ में मंत्र जाप करना सबसे प्रभावशाली माना गया है। यही वजह है कि मंत्रों के जाप से मन एकाग्र और स्थिर होता है। धार्मिक ग्रंथों में भिन्न-भिन्न मंत्रों के जाप की अपनी अहमियत एवं फायदे बताए गए हैं। इतना ही नहीं इन मंत्र जाप के लिए भिन्न-भिन्न मालाओं का उपयोग भी किया जाता है। आपको बता दें कि यदि आप जिंदगी में मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं, तो इसके लिए स्फटिक की माला बहुत ही चमत्कारी है। यदि आप स्फटिक की माला से जप करते हैं तो जिंदगी में मां लक्ष्मी की कृपा होती है। आपको बता दें कि स्फटिक एक रंगहीन, पारदर्शी, स्पष्ट पत्थर होता है, जो बेहद ही चमकदार सफेद रंग का नजर आता है। इतना ही नहीं ये कांच की भांति नजर आने वाले क्रिस्टलीय पत्थर से खास कटिंग बीड्स बनाकर भी मालाएं बनाई जाती हैं। कहा जाता हैं कि बर्फीले पहाड़ों पर बर्फ के नीचे टुकड़ों के तौर पर स्फटिक पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह सिलिकॉन एवं प्राण वायु के परमाणुओं के सम्मिश्रण से बनता है।

स्फटिक की माला के लाभ:-
ज्योतिष के अनुसार, स्फटिक से बनी माला का उपयोग करने से शुक्र ग्रह की शुभता प्राप्त होती है। यदि आपकी कुंडली का शुक्र ग्रह की दशा खराब हो तथा अशुभ फल मिल रहा हो तो स्फटिक की माला से शुक्र के मंत्र का जप करना बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अतिरिक्त देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए स्फटिक की माला का जप चमत्कारी होता है। इतना ही नहीं स्फटिक की माला से मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करना फायदेमंद बताया गया है।

आर्थिक स्थिति में होता है सुधार:-
शुक्रवार के दिन यदि आप स्फटिक की माला से मां लक्ष्मी के मंत्र का जप करने से मां की कृपा प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त आर्थिक स्थिति में जबरदस्त सुधार भी होता है। इतना ही नहीं इस माला के जप से घरों का विवाद दूर होता है तथा दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। पूजा घर में मां लक्ष्मी को स्फटिक की माला ​चढ़ाने से धन की देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे जिंदगी में धन की कमी महसूस नहीं होती।

स्फटिक मंत्र:-
यह पंचमुखी ब्रह्मा का प्रतिक है। इसके देवता कालाग्नि हैं। देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए स्फटिक माला को उत्तम माना जाता है। आप इस माला को रोजमर्रा में गले में धारण भी कर सकते हैं।
इसका मंत्र है- ‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:’।

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