लविप्रा ने शहीद पथ के किनारे बसे लखनऊ की तर्ज पर ग्रीन कारिडोर को विकसित करने की है योजना

शहीद पथ की तर्ज पर ग्रीन कारिडोर के दांए व बाए एक नया लखनऊ बसाने की तैयारी लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) ने तेज कर दी हैं। ग्रीन कारिडोर जहां वाहनों को रफ्तार देगा, वहीं कारिडोर के किनारे की जमीनों पर एक नया लखनऊ बसाने का सपना लविप्रा पूरा करेगा। यहां टाइम स्क्वायर की तर्ज पर 27 किमी. तक एक नया शहर बसाने की योजना है। यहां मनोरंजन के संसाधन भी होंगे, वाणिज्यिक गतिविधियों को गति देने के लिए गगनचुंबियां भी। एक छत के नीचे अधिकांश प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिए अस्पताल भी खोले जाएंगे। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने ओएसडी अमित राठौर सहित चार सदस्यीय टीम गठित करके इस प्रोजेक्ट को विशेष रूप से काम करने के निर्देश दिए हैं। राठौर अन्य सरकारी विभागों से समन्वय स्थापित करके प्रोजेक्ट को समय से पूरा करवाने में अहम रोल निभाएंगे।

लविप्रा सरकारी जमीनों का मुद्रीकरण करेगा और फिर इन्हें भविष्य के लिए इस्तेमाल करने जा रहा है। लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया क‍ि कुल मिलाकर शहीद पथ के किनारे बसे लखनऊ की तर्ज पर ग्रीन कारिडोर को विकसित करने की योजना है। लविप्रा ने विभिन्न विभागों की करीब 37 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की है। इसकी बाजार में कीमत छह सौ करोड़ से अधिक की है। लविप्रा इसे सुनियोजित विकास के उपयोग में लाएगा। आइआइएम रोड से किसान पथ तक ग्रीन कारिडोर को बनाया जाना है। पहला चरण आइआइएम रोड लाल पुल यानी हार्डिंग ब्रिज तक है। इस प्रोजेक्ट पर तीन हजार करोड़ से अधिक खर्च होगा। लविप्रा मंडलायुक्त की अध्यक्षता में कारिडोर के किनारे आने वाली जमीनों को लेने के लिए संबंधित विभागों के साथ हर सप्ताह बैठकें कर रहा है। उद्देश्य है कि जमीनों से अनापत्ति प्रमाण पत्र मिले और जमीनों का उपयोग लविप्रा अपने हिसाब से कर सके। इसके लिए शासन स्तर से सहमति भी दे दी है। पहले फेज पर करीब सात सौ करोड़ से अधिक का खर्च आना है।

ग्रीन कारिडोर सृजित करेगा रोजगार

ग्रीन कारिडोर अपने दाएं व बाएं पड़ी जमीनों पर हजारों लोगों के ल‍िए रोजगार भी सृजित करेगा। यहां बड़ी बड़ी कंपिनयों को लविप्रा लाने की तैयारी कर रहा है। होटल, आफिस, वाणिज्यिक हब, अस्पताल खुलने से लोगों को रोजगार भी मिलेगा। आइआइएम रोड से किसान पथ के बीच की दूरी करीब 27 किमी की है। इस पूरे पैच में लविप्रा फेज वाइज योजनाएं बना रहा है।

इन विभागों की जमीनें जा रही हैं

समाज कल्याण विभाग की जमीन करीब 21 हेक्टेयर, काल्विन तालुकदार कालेज की जमीन करीब 11.50 हेक्टेयर, नगर निगम की अपट्रान की जमीन चार एकड़ से अधिक, सिंचाई विभाग के साथ ही अन्य सरकारी संस्थाओं की कुछ जमीनें भी हैं।

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