अब अयोध्या व प्रयागराज समेत देश के पांच शहरों में जल्द ही बनाए जाएंगे सीएनजी स्टेशन…

वाराणसी में खिड़किया घाट में गंगा की धारा में विश्व का पहला सीएनजी स्टेशन तैयार करने के बाद अब अयोध्या व प्रयागराज समेत देश के पांच शहरों में जल्द ऐसे ही सीएनजी स्टेशन बनाए जाएंगे। नदियों में प्रदूषण रोकने के लिए सरकार सभी पर्यटन स्थलों पर सीएनजी आधारित मोटरबोट संचालन को अनिवार्य करने की तैयारी में है। इसलिए वहां ईंधन की जरूरत को ध्यान में रखकर जलधारा पर फ्लोटिंग सीएनजी फिलिंग स्टेशन बनाने की कार्ययोजना बनी है।

वाराणसी में खिड़किया घाट को अत्याधुनिक माडल घाट के रूप में तैयार किया गया है। इस ईकोफ्रेंडली घाट पर पर्यावरण के अनुकूल सीएनजी नावों से काशी विश्वनाथ धाम कारिडोर तक पहुंचने की सुविधा शुरू की गई है। मोटरबोट में सीएनजी का इंतजाम करने को गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने आइआइटी कानपुर की इन्क्यूबेटेड कंपनी एक्वाफ्रंट इंफ्रास्ट्रक्चर के वैज्ञानिकों की मदद से फ्लोटिंग (तैरने वाला) सीएनजी फिलिंग स्टेशन तैयार कराया है। यह विश्व का पहला फिलिंग स्टेशन है, जो जलधारा पर बनाया गया है। इस स्टेशन को बनाने में इस्तेमाल की गई सेल्फ एडजस्टिंग जेट्टी (पानी पर बनाया गया प्लेटफार्म) की खासियत है कि बाढ़ के दौरान यह नियंत्रित जोखिम के साथ सीएनजी पाइपलाइन कनेक्शन को सुरक्षित करेगी।

कंपनी के निदेशक अंकित पटेल ने बताया कि आने वाले समय में सभी पर्यटन स्थलों में नदियों में डीजल व पेट्रोल आधारित मोटर बोट के स्थान पर सीएनजी बोट चलेंगी। वाराणसी से शुरुआत हो चुकी है। दूसरा वहीं रविदास घाट पर बनाने जा रहे हैं। गेल ने आने वाले समय में प्रयागराज व अयोध्या में भी इसी तरह से सीएनजी स्टेशन बनाने की योजना तैयार की है। इसके बाद कोलकाता, कोच्चि व गोवा में भी नौकाएं सीएनजी से संचालित की जाएंगी और वहां भी फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन बनेंगे।

आइआइटी बीएचयू के पूर्व छात्र हैं कंपनी के निदेशक

कंपनी के निदेशक अंकित पटेल और अचिन कुमार ने बीएचयू आइआइटी वाराणसी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। इसके बाद उन्होंने आइआइटी कानपुर के सहयोग से एन्क्यूबेटेड कंपनी एक्वाफ्रंट इंफ्रास्ट्रक्चर बनाई थी। अंकित ने बताया कि वह मूलरूप से उरई के निवासी हैं, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई। वहीं, अचिन ने कोटा (राजस्थान) से प्रारंभिक शिक्षा ली थी। अब उनकी कंपनी देश-दुनिया में विभिन्न तरीकों से अपनी सेवाएं दे रही है।

बाढ़ व पानी के उतार-चढ़ाव के दौरान सुरक्षित रहेगी सीएनजी पाइपलाइन

सीएनजी फिलिंग स्टेशन बनाने के लिए एक्वाफ्रंट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने पेटेंट तकनीक से माइल्ड स्टील से सेल्फ एडजस्टिंग फिक्स्ड टाइप जेट्टी (तैरता हुआ प्लेटफार्म) बनाया। इसकी खासियत यह है कि बाढ़ के दौरान सीएनजी पाइपलाइन कनेक्शन पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। अगर नदी का जलस्तर बढ़ेगा तो पाइपलाइन जेट्टी (प्लेटफार्म) के साथ ऊपर व नीचे होंगे। इससे पाइपलाइन टूटेगी नहीं। इस पाइपलाइन को किनारे पर बनाए गए सीएनजी के मुख्य चेंबर से जोड़ा जाता है। आइआइटी बीएचयू के साथ ही इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग की ओर से जांच के बाद इस सिस्टम को प्रमाणित भी किया जा चुका है।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency