भारत के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने लॉन्च की ‘संविधान, संस्कृति और राष्ट्र’ पुस्तक

भारत के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार यानी 28 सितंबर को राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की पुस्तक ‘संविधान, संस्कृति और राष्ट्र’ का विमोचन करते हुए संविधान को शास्त्रों की तरह सर्वोच्च और पवित्र बताया। राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार उपराष्ट्रपति ने सभी से संविधान का पालन करने और इसके बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने का आह्वान किया। संविधान को सर्वोच्च बताते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि यह लोगों को अधिकार देता है और कर्तव्य भी सिखाता है।

उपराष्ट्रपति ने भी संविधान को शास्त्रों के समान पवित्र बताया और सभी को इसके प्रति निष्ठावान रहने पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति विविधतापूर्ण है जिसमें जाति, पंथ, भाषा और धर्म के आधार पर कोई भेद नहीं है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि यह पुस्तक उनके द्वारा समय-समय पर लिखे गए लेखों का संग्रह है। विज्ञप्ति में संविधान को मानवाधिकारों का वैश्विक दस्तावेज बताते हुए कहा कि भारतीय वेद ईश्वर प्रदत्त संविधान हैं। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम जोधपुर सर्किट हाउस में आयोजित किया गया।

इससे पहले इस साल 22 जनवरी को, वेंकैया नायडू ने प्रो. जी.के. पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित शशिधरन। पुस्तक, श्री नारायण गुरु की उदात्त कविताओं को श्रद्धांजलि, प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी और दार्शनिक द्वारा संस्कृत, मलयालम और तमिल से अंग्रेजी में अनुवादित किया गया है। भौतिकी और दर्शन के बीच सामंजस्य को प्रतिध्वनित करते हुए, पुस्तकें श्री नारायण गुरु के दार्शनिक और साहित्यिक कार्यों में गहराई से गोता लगाने का एक प्रयास हैं।

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