घाटमपुर ब्लाक की सिधौल ग्राम पंचायत के प्रधान ने सिस्टम में भ्रष्टाचार का आरोप लगा जिलाधिकारी को भेजा इस्तीफा

घाटमपुर ब्लाक की सिधौल ग्राम पंचायत के प्रधान ने सिस्टम में भ्रष्टाचार का आरोप लगा जिलाधिकारी को इस्तीफा भेजा है। प्रधान का कहना है कि वह ईमानदारी से अपने गांव में विकास कराना चाहते हैं, लेकिन हर जगह रुपये की मांग के चलते वह ग्रामीणों के काम नहीं करा पा रहे हैं।

ग्राम प्रधान अजीत सचान ने जिलाधिकारी को लिखा कि उनकी ग्राम सभा में 6 से 7 गरीब दिव्यांग हैं। उनके सर्टिफिकेट बनवाने के लिए सचिव ने बताया था कि समाधान दिवस में जब जिलाधिकारी आएंगे तब काम होगा। इसके बाद जिलाधिकारी के आने की सूचना ही नहीं दी गई। ग्राम सभा में ऐसे लोगों के पास अन्त्योदर राशन कार्ड हैं, जिसके पास कार हैं। गरीबों के राशन कार्ड बनवाने के लिए सभी कागजी कार्यवाही करने के बावजूद उनके राशन कार्ड नहीं बने। प्रधान ने लिखा कि भ्रष्टाचार के चलते 50-55 साल के व अपात्र लोग वृद्धावस्था की पेंशन पा रहे हैं और जब सही पात्रों को पेंशन दिलाने की तमाम कोशिश के बाद भी सफलता नहीं मिली। मनरेगा मजदूरों को तीन माह से रुपये नहीं मिले। प्रधान के मुताबिक ग्रामीणों को वे शौचालय तक नहीं दिला पा रहे हैं। गांव के कई लोगों के आधार कार्ड तक नहीं बने हैं। उसमें भी रुपये मांगे जा रहे हैं। प्रधान ने बताया कि गांव के कच्चे रास्तों पर कई सालों से काम नहीं हुआ है। बरसात की वजह से घास आ जाने के कारण वे रास्ते दिखना बंद हो गए हैैं। ब्लाक की तरफ से रास्ते का काम कराने से मना कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि पिछले साल ही उनमें काम हुआ था। जबकि, हकीकत यह है कि सालों से वहां कोई काम हुआ ही नहीं है। इसी तरह की अन्य शिकायतों के साथ ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी को अपना इस्तीफा भेजा है।

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