उत्तरकाशी टनल:मजदूरों का दर्द देखकर केरल से सिलक्यारा पहुंच गए समीर
सुरंग में फंसे मजदूरों का दर्द केरल के समीर करिम्बा को सिलक्यारा खींच लाया। समीर मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में हाथ बंटाना चाहते हैं। लेकिन तकनीकी जानकारी और बाध्यताओं के चलते ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि वह यहां तैनात आईटीबीपी व पुलिस के जवानों के लिए अलाव की व्यवस्था करने में सहायता कर रहे हैं।
केरल के पलक्कड़ निवासी 41 वर्षीय समीर करिम्बा एक रेस्क्यूअर (बचावकर्मी) व पर्वतारोही के तौर पर पहचान रखते हैं। जो कि सड़क दुर्घटनाओं से लेकर अन्य हादसों में पीड़ितों की मदद के लिए विभिन्न राज्यों में पहुंच जाते हैं।
सिलक्यारा पहुंचे समीर ने बताया कि मुंबई निवासी हर्षा कोटेजा उन्हें इस कार्य के लिए आर्थिक मदद करती हैं। उन्होंने ही उन्हें उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों के फंसने की सूचना दी। जिस पर वह बीते मंगलवार को सिलक्यारा पहुंचे।
समीर ने बताया कि वह सुरंग के अंदर जाकर रेस्क्यू कार्य में मदद करना चाहते थे, लेकिन तकनीकी जानकारी न होने ऐसा नहीं कर सकते हैं। फिर भी वह यहां सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस व आईटीबीपी के जवानों के लिए अलाव जलाने की व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं।
समीर ने कहा कि जब तक सुरंग में फंसे मजदूर बाहर नहीं निकाले जाएंगे वह यहां रहकर हर तरह की सेवा करेंगे।
समीर करिम्बा मुस्लिम समुदाय से तालुक रखते हैं। वह अपने धर्म के लोगों से सुरंग में फंसे मजदूरों की सलामती के लिए मस्जिदों में दुआएं करने की लगातार अपील कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने सिलक्यारा से वीडियो मैसेज रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया के जरिए परिचितों को भेजा है। साथ ही अपने एक हिंदू मित्र की मदद से सभी 41 श्रमिकों की सलामती के लिए मंदिर में 41 श्रीफल भी चढ़वाए हैं।