इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों में रहता है स्ट्रोक का ज्यादा खतरा

हमारा ब्लड ग्रुप हमारे बारे में कई जरूरी बातें बताया है। यही वजह है कि यह हमारे लिए काफी जरूरी होता है। अब हाल ही में सामने आई एक स्टडी में हमारे ब्लड ग्रुप (Blood Group) से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है। अध्ययन में पता चला कि हमारे ब्लड ग्रुप की मदद से स्ट्रोक (Stroke) से पीड़ित होने के जोखिम के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है। इस ताजा स्टडी में पता चला कि कैसे हमारा ब्लड टाइप स्वास्थ्य परिणामों को प्रभावित कर सकता है, तो आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से-

क्या कहती है स्टडी?
इस अध्ययन में 16,700 से अधिक स्ट्रोक पीड़ित व्यक्तियों और लगभग 600,000 स्वस्थ व्यक्तियों को शामिल किया गया। इस शोध में ब्लड टाइप और इस्केमिक स्ट्रोक के बीच आनुवंशिक संबंधों की जांच की गई।

इस्केमिक स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून की आपूर्ति ब्लॉक या कम हो जाती है।

इन लोगों को खतरा ज्यादा
स्टडी में सामने आया कि ब्लड ग्रुप ‘ए’ वाले व्यक्तियों को अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में 60 वर्ष की आयु से पहले स्ट्रोक आने का ज्यादा खतरा हो सकता है। इस खोज से पता चलता है कि ब्लड टाइप से संबंधित आनुवंशिक कारक कुछ व्यक्तियों में कम उम्र में स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

ये लोग हैं सुरक्षित
वहीं, इस विश्लेषण के अनुसार, ब्लड ग्रुप ओ वाले व्यक्तियों में शुरुआती स्ट्रोक की संभावना कम होती है। विश्लेषण में यह पता चला कि विशेष रूप से वयस्कों में इस्केमिक स्ट्रोक के खिलाफ ब्लड ग्रुप ओ की संभावित रूप से सुरक्षा प्रदान करता है।

क्या कहता है अध्ययन का निष्कर्ष?
इस अध्ययन में भले ही ब्लड ग्रुप ए में स्ट्रोक के बढ़े हुए खतरे की बात सामने आई है, लेकिन इस पर अभी और जांच की जरूरत है। शोधकर्ता इस बात पर भी जोर देते हैं कि जहां ब्लड टाइप स्ट्रोक में एक भूमिका निभा सकता है, वहीं, हाई ब्लड प्रेशर और धूम्रपान जैसे अन्य जोखिम कारक स्ट्रोक के जोखिम में ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।

इसलिए, स्ट्रोक की रोकथाम के लिए इन परिवर्तनीय जोखिम कारकों से बचने को प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके अलावा स्टडी में ब्लड टाइप और कोरोनरी हार्ट डिजीज और पेट के कैंसर जैसी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के विकास के जोखिम के बीच भी एक संबंध पाया गया है।

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