कर रहे हैं ‘वैली ऑफ फ्लॉवर्स’ ट्रेकिंग की प्लानिंग, तो जान लें ये जरूरी बातें
Valley of Flowers ट्रेक अपने खूबसूरत फूलों के लिए दुनिया भर में मशहूर है। इस घाटी की खासियत है कि ये हर 15 दिन में अपना रंग बदल रहती है। हर साल ये घाटी जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुलती है। इस साल ये 1 जून से खुल चुकी है, जहां आप 30 अक्टूबर तक कभी भी जाने की प्लानिंग कर सकते हैं, लेकिन जुलाई से अगस्त तक का महीना यहां घूमने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है, क्योंकि उस दौरान यहां सबसे ज्यादा वैराइटी के फूलों का दीदार कर सकते हैं। नेचर्स लवर्स के लिए यह जगह जन्नत से कम नहीं है। वैली ऑफ फ्लॉवर्स वर्ल्ड हेरिटेज साइट के लिस्ट में भी शामिल है।
देख सकते हैं 500 से ज्यादा प्रजाति के फूल
यहां आकर 500 से भी ज्यादा वैराइटी के रंग-बिरंगे फूल देख सकते हैं। फूलों की कुछ प्रजातियां तो ऐसी हैं, जो सिर्फ इसी घाटी में देखने को मिलती है। इनमें से सबसे मनमोहक मोरिना लोंगिफोलिया फूल है। हालांकि घाटी में खिलने वाला ब्रह्म कमल सबसे खूबसूरत होता है, जिसे उत्तराखंड के राज्य फूल का भी दर्जा मिला हुआ है। फूलों के अलावा यह घाटी कई दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से भी भरपूर है और साथ ही जैव विविधता का भी खजाना है।
वैली ऑफ फ्लॉवर्स से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के शानदार नजारे भी देखने को मिलते हैं। हर साल बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करने पहुंचते हैं।
वैली ऑफ फ्लावर ट्रेकिंग के लिए शुल्क
घाटी की ट्रेकिंग के लिए भारतीय नागरिकों को 200 रुपए, तो वहीं विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपए ट्रेकिंग शुल्क है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड भी मिलते हैं।
ट्रेकिंग से जुड़े जरूरी टिप्स
फूलों की घाटी जाने से पहले जान लें कि ये ट्रेकिंग पैदल ही करनी होती है। यहां किसी भी तरह के वाहन की सुविधा नहीं मिलती।
फूलों की घाटी घूमने के लिए आपको पास बनवाना होता है। बिना इसके आप यहां नहीं जा सकते हैं।