राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने 26 फरवरी को सेना के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर को किया बर्खास्त

रूस के साथ बीते एक साल से लगातार चल रहे युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने 26 फरवरी को सेना के एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर को बर्खास्त कर दिया है।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जेलेंस्की ने ये फैसला अचानक लिया है। बता दें कि बर्खास्त किया गया सैन्य कमांडर पहले रूसी सैनिकों के खिलाफ युद्ध का नेतृत्व कर चुका है।

बर्खास्त करने का नहीं बताया कोई कारण

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, बर्खास्त किए गए पूर्व सैन्य कमांडर का नाम एडुआर्ड मोस्काल्योव है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कोई स्पष्ट कारण न बताते हुए मोस्काल्योव को अपने पद से बर्खास्त किया है। युद्ध के दौरान वह डोनबालस क्षेत्र में तैनात थे।

बता दें कि यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा देश भर में एंटी-करप्शन सर्च चलाया जा रहा है, जिसके मुताबिक कई उच्च अधिकारी को बर्खास्त किया जा सकता है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या मोस्कालोव की बर्खास्तगी हाल ही में भ्रष्टाचार से जुड़ी थी या नहीं।

सऊदी अरब ने दी यक्रेन को सहायता

हाल ही में सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कीव की पहली यात्रा की। यहां, उन्होंने यूक्रेन की मदद के लिए 400 मिलियन अमरीकी डालर के सहायता पैकेज पर हस्ताक्षर किए। बता दें कि 30 साल में पहली बार किसी सऊदी विदेश मंत्री ने यूक्रेन का दौरा किया है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख एंड्री यरमक ने मैसेजिंग ऐप टेलिग्राम में एक वीडियो जारी कर कहा कि यूक्रेन को सऊदी अरब से वास्तविक मदद मिलेगी। राष्ट्रपति कार्यालय ने यूक्रेन को 400 मिलियन अमरीकी डॉलर के सहायता पैकेज को औपचारिक रूप देने वाले दो दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए है।

रूस ले रहा चीन से मदद

यूक्रेन पर हमला करने के बाद से, रूस ने बार-बार चीन से ड्रोन और गोला-बारूद का अनुरोध किया है। वहीं, चीनी नेतृत्व पिछले कई महीनों से सक्रिय रूप से इस बात पर बहस कर रहा है कि घातक सहायता रूस को भेजी जाए या नहीं।

सीआईए के निदेशक बिल बर्न्स ने कहा कि अमेरिका को भरोसा है कि बीजिंग इस तरह के कदम पर विचार कर रहा है, लेकिन खुफिया जानकारी से पता चलता है कि कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। इस बीच, बर्न्स ने कहा कि सीआईए को भी संकेत मिल रहे हैं कि रूस सैन्य सहायता के बदले में ईरान को उसके मिसाइल कार्यक्रम में मदद करने का प्रस्ताव दे रहा है।

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