पश्चिमी देश यह सोचते हैं कि उन्हें किसी भी देश के आंतरिक मामलों में बोलने का ईश्वर प्रदत्त अधिकार है- जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अन्य देशों के मामलों में टिप्पणी करने की पश्चिमी देशों की आदत की निंदा की है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश यह सोचते हैं कि उन्हें किसी भी देश के आंतरिक मामलों में बोलने का ईश्वर प्रदत्त अधिकार है।

जयशंकर ने यह बात हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को संसद से अयोग्य घोषित किए जाने पर अमेरिका और जर्मनी की टिप्पणियों पर कही है। राहुल को न्यायालय द्वारा दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाए जाने के चलते संसद से उनकी सदस्यता रद्द हुई है।

जयशंकर ने खालिस्तान समर्थकों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विदेश मंत्री ने यह बात रविवार को भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या और पीसी मोहन द्वारा आयोजित मीट एंड ग्रीट कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में पांच सौ से ज्यादा युवा मतदाताओं ने हिस्सा लिया।

मुफ्तखोरी के आधार पर नहीं चलाया जा सकता देश’

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने राजनीतिक दलों की मुफ्त में सुविधाएं देने नीति पर प्रहार करते हुए कहा कि मुफ्त की संस्कृति के प्रचलन में दिल्ली में बैठी सरकार अग्रणी है। वे इसलिए ऐसा कर रहे हैं, क्योंकि उनकी संसाधनों को तैयार करने की जिम्मेदारी नहीं है। कोई भी देश मुफ्तखोरी के आधार पर नहीं चलाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि अगर किसी को कोई सुविधा मुफ्त दी जा रही है, तो निश्चित रूप से कोई अन्य उसका खामियाजा भुगत रहा है-उसके ऊपर ज्यादा बोझ पड़ रहा होगा। मुफ्त की सुविधा देने से जल्द लोकप्रियता हासिल हो जाती है लेकिन यह लोकप्रिय बनने का गैरजिम्मेदाराना तरीका है।

मोदी की विदेश नीति का दुनिया में बज रहा डंका

जयशंकर ने भारत की स्वस्थ और स्वतंत्र विदेश नीति पर भी विचार व्यक्त किए। कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले भारत का दुनिया में कद बढ़ रहा है। भारत के कार्यों की दुनिया भर में प्रशंसा हो रही है। भारत की क्षमता को देखते हुए दुनिया अचंभित हो रही है। भारत का जिस गति से डिजिटलीकरण हो रहा है उससे दुनिया सीख ले रही है और हमारा अनुसरण करने की कोशिश कर रही है।

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति जटिल और खुश्क नहीं है बल्कि यह लोगों के समझ में आने वाली और देश के फायदे-नुकसान से जुड़ी हुई है। सरकार की विदेश नीति की अब पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चर्चा होती है। विदेशों में भारतीयों को मिल रहा सम्मान हमारी सफलता की कहानी कह रहा है। देश के युवा इस बात को भलीभांति समझ रहे हैं।

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