अगर आप भी महादेव और माता पार्वती की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं, तो आज इस तरह भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्येष्ठ महीने का प्रदोष व्रत आज है। सनातन धर्म में प्रदोष काल का विशेष महत्व है। इस समय में देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से व्रती की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो विवाहित और अविवाहितों दोनों के लिए यह व्रत फलदायी है। जिन जातकों के वैवाहिक जीवन में परेशानी है। उन लोगों को प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इससे उनके दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। अगर आप भी महादेव और माता पार्वती की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं, तो आज इस तरह भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करें-

पंचक काल

ज्योतिषियों की मानें तो आज भद्रा काल रात 10 बजकर 28 मिनट से 18 मई की सुबह 05 बजकर 29 मिनट तक है। वहीं, पंचक काल सुबह 05 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 39 मिनट था। पंचक और भद्रा काल में मांगलिक कार्य करने की मनाही है।

शुभ योग

आज यानी प्रदोष व्रत के दिन आयुष्मान और सौभाग्य योग बन रहे हैं। आयुष्मान योग रात 09 बजकर 18 मिनट तक है। इसके उपरांत सौभाग्य योग प्रारंभ होगा। आयुष्मान और सौभाग्य योग शुभ कामों के लिए उत्तम होते हैं। इस दौरान साधक देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

पूजा विधि

आज दिनभर उपवास रखें और प्रदोष व्रत के नियमों का पालन करें। संध्याकाल में गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान कर आचमन करें। अब श्वेत रंग का नवीन वस्त्र धारण कर व्रत संकल्प लें। फिर, सबसे पहले भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें। इसके पश्चात, पूजा गृह में एक चौकी स्थापित कर उस पर साफ कपड़ा बिछाएं। अब चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर फल, फूल, भांग, धतूरा, मदार के फूल, कुंकुम, चावल, रोली, अबीर, गुलाल, धूप, दीप, अगरबत्ती आदि चीजों से पूजा करें। पूजा के समय शिव चालीसा, शिव तांडव और शिव स्त्रोत का पाठ करें। अंत में दीपक जलाएं और शिव जी की आरती कर सुख, सौभाग्य की कामना करें।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency