मदद करने वाले देश का स्वागत करेगा अमेरिका..

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर लगातार हर एक बैठक में अहम चर्चाएं हो रही हैं। इस पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि यूक्रेन की संप्रभुता और शांति को वापस लौटाने में भारत समेत जो भी देश इसकी मदद करेगा अमेरिका उनका स्वागत करेगा। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनाने को लेकर मतभेद बना हुआ है।

This image has an empty alt attribute; its file name is yui-1024x576.webp

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देते हुए स्थायी शांति प्राप्त करने में मदद के लिए भारत या किसी भी अन्य देश जो भी भूमिका निभा सकता है, अमेरिका उनका स्वागत करेगा।

मिलर से सवाल पूछा गया कि क्या भारत या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने में भूमिका निभा सकते हैं, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, “हम उस भूमिका का स्वागत करते हैं, जो भारत या कोई अन्य देश न्यायपूर्ण और स्थायी संघर्ष को समाप्त करने में मदद कर सकता है।”

युद्ध में रूस को हुआ भारी नुकसान

यह दावा करते हुए कि यूक्रेन के साथ संघर्ष रूस के लिए रणनीतिक विफलता रहा है, मिलर ने कहा कि रूस को इस युद्ध में सैन्य कर्मियों और उपकरणों का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका संघर्ष की शुरुआत से यूक्रेन को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन का स्वागत करता है।

रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ा असर

चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष पर एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए, मिलर ने कहा, “यह युद्ध रूस के लिए रणनीतिक विफलता रही है, जिसमें सैन्य कर्मियों और सैन्य उपकरणों दोनों का भारी नुकसान हुआ है। रूस ने दुनिया में अपनी स्थिति को प्रभावित होते देखा है। उन्होंने देखा है कि हमारे द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रणों से उनकी अर्थव्यवस्था थप्प हो गई है।”

मोदी और बाइडन ने युद्ध को लेकर जताई चिंता

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “संघर्ष की शुरुआत से यूक्रेन को मिले अंतरराष्ट्रीय समर्थन का हम स्वागत करते हैं।” इससे पहले, जून में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन में संघर्ष पर चिंता व्यक्त की थी और इसके भयानक और दुखद मानवीय परिणामों पर शोक व्यक्त किया था।

जारी किए गए बयान में कहा गया था, “दोनों देश यूक्रेन के लोगों को निरंतर मानवीय सहायता प्रदान करने की प्रतिज्ञा ली हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए सम्मान का आह्वान किया। दोनों देश यूक्रेन में संघर्ष के बाद पुनर्निर्माण के महत्व पर सहमत हुए।” ॉ

पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से की मुलाकात

इससे पहले, मई में, पीएम मोदी ने हिरोशिमा में जी 7 शिखर सम्मेलन के इतसे मुलाकात की थी और उन्हें मॉस्को और कीव के बीच संघर्ष को सुलझाने में भारत के समर्थन का आश्वासन दिया था। पीएम मोदी ने कहा, “भारत और मैं संघर्ष के समाधान के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करेंगे।”

पिछले साल 24 फरवरी को रूस-यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक थी। इसके अलावा, संघर्ष शुरू होने के बाद से, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ-साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी कई बार फोन बात की है।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency