मूल निवास और भू-कानून के लिए हर जिले एवं ब्लॉक में बनेगी संघर्ष समितियां

उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली को मिले अपार समर्थन से संघर्ष समिति से जुड़े युवा उत्साहित हैं। उनका कहना है आंदोलन को गति देने के लिए प्रदेश के हर जिले और ब्लॉक में संघर्ष समितियां गठित की जाएगी। सरकार इन मांगों पर अमल के लिए अध्यादेश लाए इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। यदि जल्द मांगे न मानी गई तो इससे भी बड़ा कदम उठाया जाएगा।

मूल निवास-भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के मुताबिक मूल निवास और भू-कानून के मसले पर रविवार को देहरादून में हुई महारैली में जिस तरह से जनसैलाब उमड़ा उससे स्पष्ट है कि राज्य के लोगों में इस मामले को लेकर नाराजगी है कि राज्य गठन के 23 साल बाद उन्हें क्या मिला। अपने अधिकारों, सांस्कृतिक पहचान और अस्तित्व को बचाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे। उन्होंने कहा कि समिति से लोगों के जुड़ने के लिए कुछ नंबर भी जारी किए हैं।

संघर्ष समिति की आज शहीद स्मारक पर होगी बैठक
देहरादून। मूल निवास-भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति की आज शहीद स्मारक देहरादून में बैठक होगी। बैठक में अगली रणनीति पर चर्चा होगी। समिति ने यह भी निर्णय लिया है कि हाईकोर्ट के कुछ अधिवक्ताओं को भी समिति में जोड़ा जाएगा। जो मूल निवास को लेकर ड्राफ्ट तैयार करें। जिसे सरकार को सौंपा जाएगा।

समिति की प्रमुख मांगे
– मूल निवास कानून लागू हो, मूल निवास की कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित की जाए
– सशक्त भू-कानून लागू हो, शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगे।

Related Articles

Back to top button
T20: भारत का क्लीन स्वीप जानिये कितने खतरनाक हैं कबूतर। शतपावली: स्वस्थ रहने का एक आसान उपाय भारतीय मौसम की ALERT कलर कोडिंग In Uttar Pradesh Call in Emergency