इस्राइल के लिए जासूसी करने के आरोप में तुर्किए ने 33 संदिग्धों को हिरासत में लिया

हमास और इस्राइल के बीच दो माह से अधिक समय से जंग जारी है। इस युद्ध को लेकर कई मुस्लिम देश पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ खुलकर जंग लड़ रहे हैं। ईरान और लेबनान के बाद तुर्किए भी इनमें से एक है। तुर्किए का आरोप है कि इस्राइल अपने लोगों को भेजकर जासूसी करा रहा है। मगर राष्ट्रपति एर्दोगन ने मोसाद की मंशा को नाकाम कर दिया है। तुर्किए के अधिकारियों ने इस्राइल के लिए तथाकथित रूप से जासूसी करने के संदेह में 33 लोगों को हिरासत में लिया है।

13 अन्य की तलाश जारी
समाचार एजेंसी अनादोलु के अनुसार, एक ऑपरेशन के हिस्से के रूप में आठ प्रांतों में 57 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई, जहां से 33 लोगों को हिरासत में लिया गया। वहीं अधिकारी अब भी 13 उन अन्य लोगों की तलाश कर रहे हैं, जिनके बारे में समझा जाता है कि उनके संबंध इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से हैं। संदिग्धों पर मोसाद की ओर से टोह लेने, निगरानी करने, हमला करने और अपहरण जैसी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। हालांकि, इसमें उन संदिग्धों या विदेशियों के बारे में जानकारी नहीं दी गई, जिन्हें कथित तौर पर निशाना बनाया गया।

कुछ दिनों पहले दी थी धमकी
बता दें, यह खबर ऐसे समय में आई है, जब कुछ दिनों पहले ही इस्राइल की घरेलू सुरक्षा एजेंसी के प्रमुख शिन बेट ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में कहा था कि उनका संगठन लेबनान, तुर्किए और कतर सहित हर जगह हमास को नष्ट करने के लिए तैयार है। इस पर तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इस्राइल को चेतावनी दी कि अगर उसने तुर्किए की धरती पर हमास के सदस्यों पर हमला करने की धमकी दी तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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