बिहार:भाजपा सांसद की सीट पर भगवा विधायक ने ही ठोक दिया दावा

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टी चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है। सीट पर दावेदारी को लेकर सियासत भी शुरू हो चुकी है। मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र सीट पर भाजपा सांसद अजय निषाद के खिलाफ में उनकी ही पार्टी के विधायक केदार प्रसाद गुप्ता ने ठोकी है। उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का आधार जातीय गणना को बनाया है। इस मामले में सांसद अजय निषाद ने कहा कि चुनाव लड़ने की इच्छा हर किसी की होती है। अब शीर्ष नेतृत्व करेगा तय कौन लड़ेगा चुनाव यहां से।

भाजपा सबका साथ और सबका विकास करने वाली पार्टी
उत्तर बिहार की महत्वपूर्ण सीट में शुमार मुजफ्फरपुर के लोकसभा सीट पर भी अब यहां से कई नए नए प्रत्याशी और उम्मीदवार भी अपनी दावेदारी ठोक रहे है। लेकिन, अभी सबसे ज्यादा चर्चा का विषय कुढ़नी से भाजपा के वर्तमान विधायक केदार गुप्ता की हो रही है। अपनी ही पार्टी के सांसद के खिलाफ जाते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में कानू हलुवाई समाज का संख्या ज्यादा है। ऐसी में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। उन्होंने इस मामले पर शीर्ष नेतृत्व के निर्णय पर विचार करने की बात कही। साथ ही कहा कि भाजपा सबका साथ सबका विकास वाली पार्टी है।

वैश्य में सबसे अधिक मेरी जाति के लोग, इसलिए मिले टिकट
विधायक केदार प्रसाद गुप्ता ने कहा कि मैंने मुखिया से लेकर विधायक बनने तक का राजनीति की है। तीन विधानसभा चुनाव लड़ चुका हूं। लगातार छोटे ओहदे से पार्टी के लिए समर्पित रहा हूं। अब मैं मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता हूं। केदार गुप्ता ने जातीय समीकरण का हवाला देते हुए कहा कि वह वैश्य समाज के कानू-हलवाई जाति से आते है। इनकी संख्या नये जातीय जनगणना के अनुसार 2.82 प्रतिशत से ज्यादा है। इस जाति की इतनी आबादी होने के बावजूद भी लोकसभा में एक भी टिकट इन्हें नहीं मिला। अभी यहां पर विधानसभा में भी सिर्फ दो सीट मोतिहारी से प्रमोद गुप्ता और कुढ़नी से केदार गुप्ता को मिली है। ऐसे में वैश्य में सबसे अधिक संख्या वाली जाति होने के नाते भी समाज में अच्छी पकड़ होने और लोगों का साथ होने से उनकी दावेदारी बनती है। सभी जात जमात के लोगों का समर्थन मिल रहा है।

हर सीट का निर्णय शीर्ष नेतृत्व तय करता है यह जगजाहिर है
वहीं भाजपा सांसद अजय निषाद ने कहा कि सबकी इच्छा होती है कि चुनाव लड़े। और अगर अब केदार प्रसाद गुप्ता जी भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है यह सब शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि आगामी लोकसभा चुनाव कौन लड़ेगा। लोकसभा हो या विधानसभा, हर सीट का निर्णय शीर्ष नेतृत्व तय करता है यह जगजाहिर है।

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